नाम ही काफी है
छिपकली का नाम सुनते ही आप चौकनें हो जाते हैं और यहां-वहां नजरे दौड़ाने लगते हैं। डरने के लिए आपके लिए छिपकली का नाम ही काफी है।
डराते हैं दोस्त
आपके दोस्त या घर के सदस्य आपको छिपकली के नाम से डराते हैं। जैसे आप बैठे हो और वो अचानक से बोले 'तुम्हारे पास छिपकली'।
दिख गई तो हडकंप
अगर आपको कहीं पर छिपकली दिख गई तो फिर तो आपको ऐसा फील होता है मानो आप पर कहर टूट पड़ा हो। आपको लगने लगता है मानो आप कुछ पलों के लिए थम से गए हो।
चिल्लाते रहना
आप अपने आसपास लोगों पर तब तक चिल्लाते रहोगे जब तक वो छिपकली को भगा नहीं देते।
तुमसे अच्छा कोई नहीं
जो भी व्यक्ति आपके लिए छिपकली को भगा देता है। वो व्यक्ति आपकी नजर में हिरो हो जाता है। आप उसका शुक्रिया कहते नहीं थकते।
तहकिकात है जरूरी
कमरे में घुसने के बाद आपका सबसे पहला काम कमरे की छत और कोनों को चेक करने का होता। ऐसा इसलिए क्योंकि आप आश्वस्त होना चाहते है कि कमरे में कोई छिपकली तो नहीं है।
नहीं चाहिए ज्ञान
'आ जाओ डरो नहीं' या 'छोटी सी तो है कुछ नहीं करेगी'। ऐसे तमाम तरह की बाते आप अपने आसपास के लोगों से सुनकर थक चुकी है। अब भाई डर है तो है।
इग्नोर करने की कोशिश
आप छिपकली को देखकर अनदेखा करने की कोशिश करते हैं लेकिन हर बार नाकाम होते है। चाह कर भी आप अपने काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं और आपका सारा ध्यान छिपकली की तरफ ही जाता रहता है।
जिस दिन आई थी पास
आज भी उस दिन को याद करके आपकी रूह कांप जाती है जिस दिन छिपकली आपके ऊपर गिरी थी।
कुछ भी हो झेल जाएंगे
आपको ऐसा फिल होता है कि दुनिया की सारी मुश्किलों को झेल सकते हैं। यहां तक की शेर का सामना करने की भी हिम्मत कर सकते हैं लेकिन छिपकली की। ना बाबा ना।
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