अस्थमा वो सिचुएशन है, जिसमें इंसान की सांस की नली सिकुड़ जाती है और एक्सेस में बलगम बनने लगता है। जिससे सांस लेना और छोडना तक मुश्किल होने लगता है। सांस लेने के दौरान कई बार सीटी जैसी या घरघराहट की आवाज आती है। बढ़ते पॉल्यूशन ने बच्चों को भी अस्थमैटिक बनाना शुरू कर दिया है। एक्सपट्र्स की मानें तो बच्चों में अस्थमा की शुरुआत और उसकी बढ़ती स्टेज को संभाल पाना मुश्किल है। इस चैलेंज से निपटते हुए बच्चों में दिखने वाले किन सिम्पटम्स पर पेरेंट्स रखें अपनी खास नजर, इस पर रुचि डी शर्मा ने बात की है जीएसवीएम कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार से...
बच्चों को अक्सर बदलते मौसम के साथ सर्दी, खांसी की शिकायत होती है और इसे ज्यादातर पेरेंट्स मौसम में बदलाव से जोडक़र देखते हैं। पर यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित होती है। बच्चों में अगर कुछ खास लक्षण दिखें, तो उन्हें इग्नोर करने की भूल पेरेंट्स को नहीं करनी चाहिए। जैसे...
1. खांसी होना
जिन बच्चों को अस्थमा होता है उन्हें खांसी आती जाती रहती है और अधिकतर समय यह खांसी रात में ही देखने को मिलती है।
2. सांस लेते समय सीटी की आवाज आना
ज्यादातर केसेज में बच्चे को रात में सोते समय सांस लेने में ऐसी आवाजें देखने को मिलती है।
3. छाती में अकड़न होना
बच्चे के लिए सांस ले पाना या फिर सांस छोडना काफी मुश्किल हो सकता है। इस समय बच्चे को चेस्ट में भारी भरकम महसूस हो सकता है।
4. थकान होना और कमजोरी होना
बच्चा अगर दिनभर बहुत थका हुआ और कमजोर महसूस करता है, तो इसका एक कारण अस्थमा भी हो सकता है।
बच्चों की सेफ्टी के लिए अपनाएं ये तरीके
- बच्चों के आसपास स्मोकिंग न करें।
- उन्हें ज्यादा से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज करने को बोलें।
- घर में कूलिंग के लिए एसी का इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे बाहर का कूड़ा कचरा अंदर नहीं आ सकता।
- अगर आपके घर के अंदर कोई पेट एनिमल है, तो उसे बच्चे के आस-पास न ही आने दें तो बेहतर होगा।
- उसके गिरे हुए बाल आदि भी साफ कर दें।
- बच्चों को ज्यादा ठंडी हवा में न आने दें।
- अगर आपके बच्चे को रात में कुछ ज्यादा लक्षण देखने को मिल रहे हैं. वह ठीक से सो नहीं पा रहा है, तो आप डॉक्टर से एडवाइस जरूर लें।
प्रेग्नेंसी में मां रख सकती है बच्चे को सेफ
अस्थमा एक हेरिडिटी डिजीज है। ऐसे में अगर किसी प्रेग्नेंट वुमन को अस्थमा है, तो पेट में पल रहे बच्चे को अस्थमा से सेफ रखने की जिम्मेदारी खुद मां की है।- अगर मां को अस्थमा है तो इससे जुड़े अपने ट्रीटमेंट का पूरा ख्याल रखे।
- प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग और एल्कोहल से बनाए रखें दूरी।
- जहां स्मोकिंग हो रही हो, वहां से भी बनाए रखें दूरी।
- हल्की-फुल्की एलर्जी में भी डॉक्टर से करें कंसल्ट।