गुंडप्पा विश्वनाथ :
एक दिन के लिए कप्तानी की परंपरा की शुरुआत गुंडप्पा विश्वनाथ ने की थी। दाएं हाथ के बल्लेबाज विश्वनाथ ने अपने करियर में कुल 25 वनडे खेले जिसमें उन्हें सिर्फ 1 मैच में कप्तानी करने का अवसर मिला। साल 1981 में भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी। दोनों देशो के बीच एक वनडे सीरीज आयोजित करवाई गई। हैमिल्टन में खेले गए दूसरे मैच में तत्कालीन कप्तान सुनील गावस्कर किसी वजह से मैच नहीं खेल पाए थे और भारत की कमान संभाली गुंडप्पा विश्वनाथ। यह पहला और आखिरी मौका था जब उन्हें सीमित ओवरों का कप्तान बनाया गया। इस मैच में विश्वनाथ सिर्फ 5 रन बना पाए और भारत यह मैच हार गया था।
सैयद किरमानी :
80 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के चर्चित विकेटकीपर रहे सैयद किरमानी को भी एक दिन का कप्तान बनने का मौका मिला था। 1983 में वेस्टइंडीज टीम भारत दौरे पर थी। सीरीज का एक मैच गुवाहाटी में खेला गया। भारतीय टीम की कमान किरमानी के हाथों में थी। मगर वह कुछ जादू नहीं चला पाए। किरमानी ने इस मैच में 6 रन बनाए और भारतीय टीम को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। सैयद किरमानी ने 49 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 20.72 की औसत से सिर्फ 373 रन बनाए हैं। वनडे में किरमानी के नाम एक भी शतक और अर्धशतक नहीं है।
मोहिंदर अमरनाथ :
80-90 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज रहे मोहिंदर अमरनाथ को भी एक बार कप्तानी का चांस मिला था। मगर बदकिस्मती से वो मैच रद हो गया था। अमरनाथ के वनडे करियर की बात करें तो उनके नाम 85 मैचों में 30.53 की औसत से 1924 रन दर्ज हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 13 अर्धशतक भी निकले। उनका हाईएस्ट स्कोर नाबाद 102 रन है।
अनिल कुंबले :
एक दिन के कप्तानों की लिस्ट में चौथा नाम आता है भारत के दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले का। कुंबले इकलौते ऐसे कप्तान हैं जो एक दिन के लिए वनडे में भारत के कप्तान बने और जीत भी दिलाई। साल 2002 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर थी और वनडे सीरीज का पहला मैच चेन्नई में खेला गया। यह मैच भारत के नाम रहा था और कप्तान रहे कुंबले ने 2 विकेट भी चटकाए। लेग स्पिनर कुंबले का अंतर्रराष्ट्रीय करियर काफी बेमिसाल रहा है। उन्होंने 271 वनडे मैच खेले जिसमें उनके नाम कुल 337 विकेट दर्ज हैं।
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