1. INS कोच्ची
सेना के किस अंग में : INS कोच्ची इंडियन नेवी में 2009 में शामिल हुई थी।
खासियत : INS कोच्ची युद्ध पोत रडार की पकड़ में न आने वाली मिसाल से लैस है। जो काफी दूरी पर दुश्मनों को सबक सिखाने में सक्षम है। यह मिसाइन सिस्टम संदिग्ध गतिविधियों को भांप कर तुरंत उस दिशा की ओर मिसाइल लॉन्च कर देता है जिस दिशा की ओर से हलचल का जरा भी एहसास होता है।
https://img.inextlive.com/inext/ins%20kocchi_i_170118.jpg
2. INS विक्रमादित्य
सेना के किस अंग में : INS विक्रमादित्य को इंडियन नेवी में 2013 में शामिल किया गया था।
खासियत : यह विमानवाहक युद्धपोत एक बार में अधिकतम 36 फाइटर जेट कैरी कर सकता है जो इसकी मारक क्षमता में काफी इजाफा कर देता है। इस विमानवाहक युद्धपोत के समुद्र में होने का मतलब 25 हजार किमी समुद्री सीमा का सुरक्षित होना है।
https://img.inextlive.com/inext/ins%20vikramaditya_i_170118.jpg
3. Dragunov स्नाइपर राइफल
सेना के किस अंग में : भारतीय सेना के स्नाइपर इस हथियार का इस्तेमाल करते है।
खासियत : इसकी कारगर रेंज 800 मीटर है। यह राइफल एक मिनट में 30 राउंड तक फायर कर सकती है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : कारगिल युद्ध में यह हथियार भारतीय सेना के निशानेबाजों के लिए पाकिस्तानी दुश्मनों से लोहा लेने में काफी मददगार साबित हुई थी।
https://img.inextlive.com/inext/dragunov-sniper-rifle_i_170118.jpg
4. T-90 भीष्म टैंक
सेना के किस अंग में :2001 में इंडिया आर्मी में शामिल किया था।
खासियत : बिना फ्यूल ड्रम के इसकी आपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है। यह टैंक 125mm की गन से लैस है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इस रशियन टैंक को सीरिया की सिविलवार में इस्तेमाल किया जा चुका है।
https://img.inextlive.com/inext/t90_i_170118.jpg
5. सुखोई Su-30 MKI
सेना के किस अंग में : इस रशियन खतरनाक लडा़कू विमान को इंडिया ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स की मदद से देश में ही बनाया है जिसे 2002 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
खासियत : ये लडा़कू विमान टू सीटर होते हैं जिनकी रफ्तार 2100 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 3000 किलोमीटर की रेंज में आने वाले किसी भी दुश्मन के लिए यमराज है।
https://img.inextlive.com/inext/Sukhoi30_i-180118.jpg
6. बोफोर्स तोप
सेना के किस अंग में : इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में होता है मुख्य रुप से इस्तेमाल।
खासियत : 155 एमएम की यह तोप 30 किमी दूर दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इसका 1999 कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत में प्रमुख योगदान है।
https://img.inextlive.com/inext/bofors-top_i_170118.jpg
7. ग्लोबमास्टर
सेना के किस अंग में : भारत ने 2013 में अमेरिका से इसे खरीद कर इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बनाया था।
खासियत : इसकी लगभग 80 टन के साथ 150 सैनिकों का भार भी ढोने की क्षमता है। इसका इस्तेमाल युद्ध के हालात में जल्द से जल्द सैनिकों तक हथियार पहुंचाने में किया जाता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इस विमान का इस्तेमाल उत्तराखण्ड आपदा में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में की गई थी।
https://img.inextlive.com/inext/boeing-c17_i_170118.jpg
8. स्पाइक, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
सेना के किस अंग में : भारतीय थल सेना का पोर्टेबल हथियार है जिसका इस्तेमाल कंधे पर रख कर मिसाइल दागने में किया जाता है।
खासियत : इसकी फायरिंग रेंज 1.5 किमी से 25 किलोमीटर तक है। यह 30 सेकंड में एक मिसाइल दाग कर दुश्मन के टैंक को नष्ट करने में सक्षम है। एक बार तैयार होने के बाद हर 15 सेकेंड में इसे रीलोड किया जा सकता है।
https://img.inextlive.com/inext/spike-missile_i_180118.jpg
9. ब्रह्मोस मिसाइल
सेना के किस अंग में : ब्रह्मोस मिसाइल को इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स इस्तेमाल करते हैं।
खासियत : ये मिसाइल 3,400–3,700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जमीन या पानी की सतह से 450 किलोमीटर और हवा से 400 किमी तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल 300 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इससे परमाणु हथियार भी लांच किया जा सकता है।
https://img.inextlive.com/inext/brahmos_i_180118.jpg
10. अग्नि मिसाइल
सेना के किस अंग में : इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल किया गया है।
खासियत : अग्नि के 6 वर्जन हैं। पहले वर्जन की मारक क्षमता 700 किमी है जबकि सबसे लेटेस्ट वर्जन अग्नि-VI की मारक क्षमता 10 हजार किमी तक है। इस मिसाइल से परमाणु हथियार भी लांच किए जा सकते हैं।
https://img.inextlive.com/inext/agni-5_i_180118.jpg
1. INS कोच्ची
सेना के किस अंग में : INS कोच्ची इंडियन नेवी में 2009 में शामिल हुई थी।
खासियत : INS कोच्ची युद्ध पोत रडार की पकड़ में न आने वाली मिसाल से लैस है। जो काफी दूरी पर दुश्मनों को सबक सिखाने में सक्षम है। यह मिसाइन सिस्टम संदिग्ध गतिविधियों को भांप कर तुरंत उस दिशा की ओर मिसाइल लॉन्च कर देता है जिस दिशा की ओर से हलचल का जरा भी एहसास होता है।
2. INS विक्रमादित्य
सेना के किस अंग में : INS विक्रमादित्य को इंडियन नेवी में 2013 में शामिल किया गया था।
खासियत : यह विमानवाहक युद्धपोत एक बार में अधिकतम 36 फाइटर जेट कैरी कर सकता है जो इसकी मारक क्षमता में काफी इजाफा कर देता है। इस विमानवाहक युद्धपोत के समुद्र में होने का मतलब 25 हजार किमी समुद्री सीमा का सुरक्षित होना है।
3. Dragunov स्नाइपर राइफल
सेना के किस अंग में : भारतीय सेना के स्नाइपर इस हथियार का इस्तेमाल करते है।
खासियत : इसकी कारगर रेंज 800 मीटर है। यह राइफल एक मिनट में 30 राउंड तक फायर कर सकती है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : कारगिल युद्ध में यह हथियार भारतीय सेना के निशानेबाजों के लिए पाकिस्तानी दुश्मनों से लोहा लेने में काफी मददगार साबित हुई थी।
4. T-90 भीष्म टैंक
सेना के किस अंग में :2001 में इंडिया आर्मी में शामिल किया था।
खासियत : बिना फ्यूल ड्रम के इसकी आपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है। यह टैंक 125mm की गन से लैस है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इस रशियन टैंक को सीरिया की सिविलवार में इस्तेमाल किया जा चुका है।
5. सुखोई Su-30 MKI
सेना के किस अंग में : इस रशियन खतरनाक लडा़कू विमान को इंडिया ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स की मदद से देश में ही बनाया है जिसे 2002 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।
खासियत : ये लडा़कू विमान टू सीटर होते हैं जिनकी रफ्तार 2100 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 3000 किलोमीटर की रेंज में आने वाले किसी भी दुश्मन के लिए यमराज है।
6. बोफोर्स तोप
सेना के किस अंग में : इंडियन आर्मी की आर्टिलरी में होता है मुख्य रुप से इस्तेमाल।
खासियत : 155 एमएम की यह तोप 30 किमी दूर दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इसका 1999 कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत में प्रमुख योगदान है।
7. ग्लोबमास्टर
सेना के किस अंग में : भारत ने 2013 में अमेरिका से इसे खरीद कर इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बनाया था।
खासियत : इसकी लगभग 80 टन के साथ 150 सैनिकों का भार भी ढोने की क्षमता है। इसका इस्तेमाल युद्ध के हालात में जल्द से जल्द सैनिकों तक हथियार पहुंचाने में किया जाता है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि : इस विमान का इस्तेमाल उत्तराखण्ड आपदा में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में की गई थी।
8. स्पाइक, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
सेना के किस अंग में : भारतीय थल सेना का पोर्टेबल हथियार है जिसका इस्तेमाल कंधे पर रख कर मिसाइल दागने में किया जाता है।
खासियत : इसकी फायरिंग रेंज 1.5 किमी से 25 किलोमीटर तक है। यह 30 सेकंड में एक मिसाइल दाग कर दुश्मन के टैंक को नष्ट करने में सक्षम है। एक बार तैयार होने के बाद हर 15 सेकेंड में इसे रीलोड किया जा सकता है।
9. ब्रह्मोस मिसाइल
सेना के किस अंग में : ब्रह्मोस मिसाइल को इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयरफोर्स इस्तेमाल करते हैं।
खासियत : ये मिसाइल 3,400–3,700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जमीन या पानी की सतह से 450 किलोमीटर और हवा से 400 किमी तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल 300 किलो तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इससे परमाणु हथियार भी लांच किया जा सकता है।
10. अग्नि मिसाइल
सेना के किस अंग में : इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल किया गया है।
खासियत : अग्नि के 6 वर्जन हैं। पहले वर्जन की मारक क्षमता 700 किमी है जबकि सबसे लेटेस्ट वर्जन अग्नि-VI की मारक क्षमता 10 हजार किमी तक है। इस मिसाइल से परमाणु हथियार भी लांच किए जा सकते हैं।