कानपुर। क्रिकेट बहुत पुराना खेल है। इसकी शुरुआत 17वीं-18वीं सदी में हो गई थी। हालांकि रिकॉर्ड में पहला टेस्ट मैच 1877 में खेला गया था। तब से अब तक क्रिकेट में काफी बदलाव आया। साथ ही बल्लेबाज को आउट करने के तरीके भी बदले। मौजूदा वक्त में किसी भी बैट्समैन को कुल 10 तरीकों से आउट किया जा सकता है। इन नियमों को आईसीसी और एमसीसी ने भी मान्यता दे रखी है। आइए जानें इन 10 तरीकों के बारे में।
1. Caught
क्रिकेट में बल्लेबाज के आउट होने का यह सामान्य तरीका है। अक्सर बल्लेबाज कैच आउट होते हैं। किसी बैट्समैन को कैच आउट तब दिया जाता है, जब गेंद उसके बल्ले से लगकर मैदान में मौजूद फील्डिंग टीम के 11 प्लेयर्स में किसी के भी हाथ में चली जाए। अब चाहें ये कैच गेंदबाज ले या विकेटकीपर या फिर कोई फील्डर।
2. Bowled
किसी बल्लेबाज को बोल्ड होते देखना, हर गेंदबाज का सपना होता है। बैट्समैन के विकेट उखाड़कर जितनी खुशी बॉलर को होती है, उतनी और किसी को नहीं। अंपायर बल्लेबाज को बोल्ड आउट तब देता है जब गेंद स्टंप से टकरा जाती है। अब ये गेंद सीधे जाकर विकेट पर लगे या फिर बैट का किनारा लेकर स्टंप पर लगे। उसे बोल्ड माना जाता है।
3. Out leg before wicket (lbw)
एलबीडब्ल्यू का फुल फॉर्म लेग बिफोर विकेट है। यानी कि विकेट पर गेंद लगने से पहले यह पैर पर टकरा जाए तो इसे एलबीडब्ल्यू आउट करते हैं। हालांकि इसमें कई कंडीशंस लगी है। यानी कि बैट्समैन को एलबीडब्ल्यू आउट तब दिया जाएगा, जब गेंद इन लाइन पिच हो और इंपैक्ट इन लाइन हो, तभी वो बल्लेबाज आउट हो सकता है।
4. Run out
क्रिकेट में किसी बल्लेबाज को रन आउट तब दिया जाता है, जब वह क्रीज से बाहर हो और गेंद विकेट पर लग जाए। अक्सर रन लेते समय विकेट के दोनों छोर में किसी एक छोर पर बल्लेबाज रन पूरा करने के लिए क्रीज में पहुंचने से पहले फील्डर द्वारा गेंद स्टंप में मार दी जाती है तो वह रन आउट हो जाता है।
5. Stumped
स्टंपिंग आउट करने का अधिकार सिर्फ विकेटकीपर को होता है, या फिर वो खिलाड़ी जो विकेटकीपिंग की भूमिका निभा रहा हो। गेंदबाज के गेंद फेंकने के बाद बल्लेबाल क्रीज से बाहर निकलकर गेंद पर शॉट मारने जाता है मगर गेंद उसके बल्ले पर न लगकर विकेटकीपर के पास पहुंच जाती है तो विकेटकीपर बैट्समैन के वापस क्रीज पर आने से पहले स्टंप की बेल गिरा दे, तो वो बैट्समैन स्टंप आउट माना जाएगा।
6. Hit wicket
हिट विकेट आउट सामान्यत: देखने को नहीं मिलता है। किसी बल्लेबाज के शॉट लगाते हुए उसका पैर या बल्ला या शरीर का कोई अंग विकेट को छू जाए और बेल्स गिर जाएं तो उसे हिट विकेट आउट मान लिया जाता है।
7. Handled/ling the ball
हैंडलिंग द बॉल भी बहुत कम देखने को मिलता है। इस तरह से बल्लेबाज बहुत कम आउट हुए। हैंडलिंग द बॉल नियम के तहत बल्लेबाज तभी आउट दिया जाता है जब वह शॉट लगाने के बाद गेंद को विकेट पर जाने से हाथ से रोक ले, तो उसे हैंडलिंग द बॉल नियम के चलते आउट दे दिया जाता हैं।
8. Double hit/hitting the ball twice
किसी भी गेंदबाज की किसी भी एक डिलीवरी पर बल्लेबाज को एक बार ही शॉट मारने की इजाजत होती है। अगर बैट्समैन एक बार शॉट खेलने के बाद दोबारा गेंद को बल्ले से हिट कर दे तो उसे डबल हिट के तहत आउट दे दिया जाता है।
9. Obstructing the field
फील्ड में बाधा डालने पर भी बल्लेबाज को आउट दिया जा सकता है। इसे ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड माना जाता है। इस तरह का आउट काफी विवादों में रहता है क्योंकि बल्लेबाज कहता है कि उसने फील्ड में बाधा नहीं पहुंचाई है जबकि फील्डिंग टीम आउट की अपील करती है। अंतिम निर्णय अंपायर द्वारा किया जाता है।
10. Timed out
क्रिकेट में टाइम्ड आउट आज तक नहीं देखने को मिला। हालांकि आईसीसी नियमों के तहत बल्लेबाज को टाइम्ड आउट दिया जा सकता है मगर क्रिकेट इतिहास में किसी बल्लेबाज को इस तरह से आउट नहीं किया गया। आईसीसी के नियम के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट में एक बल्लेबाज के आउट हो जाने के बाद दूसरे बल्लेबाज को मैदान में तीन मिनट के अंदर आना होता है। अगर बैट्समैन तीन मिनट के अंदर मैदान में नहीं आया तो फील्डिंग टीम की अपील पर उस बल्लेबाज को आउट दिया जा सकता है। हालांकि वनडे और टी-20 में यह समय सीमा और कम होती है। ये नियम इसलिए बनाया गया ताकि मैच में देरी होने से रोका जा सके। बता दें आज तक किसी बैट्समैन को टेस्ट, वनडे और टी-20 में टाइम्ड आउट नहीं दिया गया। हालांकि फर्स्ट क्लाॅस क्रिकेट में छह बार ऐसा हो चुका है।
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