बेहतर नेटवर्क-
नेटवर्क के आधार पर देखा जाए तो वोडाफोन, आइडिया से कई गुना बेहतर नेटवर्क है। लेकिन विलय के बाद दोनों के नेटवर्क भी एक हो जाएंगे। ऐसे में जहां-जहां आइडिया का नेटवर्क कमजोर है, वहां वोडाफोन अपना नेटवर्क लगाएगा। जिसका सीधा फायदा दोनों कंपनियों के 38 करोड़ ग्राहकों को होगा। इस समय वोडफोन के पास 20 करोड़ और आइडिया के पास 18 करोड़ ग्राहक हैं।
देशभर में होगी पहुंच-
विलय होने के चलते दोनों कंपनियों की पहुंच देश के कोने-कोने में होगी। इसके लिए कंपनियां अपने सर्किल और नेटवर्क का विस्तार करेंगी, जिसका फायदा दोनों कंपनियों के मौजूदा और नए ग्राहकों को मिलेगा।
नए और शानदार ऑफर-
जाहिर है कि दोनों कंपनियों के विलय के बाद ग्राहकों को कई नए ऑफर्स दिए जाएंगे। खबरों की मानें तो इस मौके को भुनाने के लिए कंपनी नए-नए और आकर्षक ऑफर पेश कर सकती है।
जियो को टक्कर-
जियो की एंट्री के बाद टेलिकॉम कंपनियों के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। मर्जर के बाद कंपनी के पास सबसे ज्यादा ग्राहक होंगे। ऐसे में कंपनी जियो के सामने मजबूती से खड़ी रह सकेगी।
आपको बता दें कि मर्जर के बाद जो इकाई बनेगी उसमें कुमार मंगलम बिडला को चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा। साथ ही वोडाफोन सीएफओ की नियुक्ति करेगी। कुमार मंगलम बिड़ला ने यह भी स्पष्ट किया है कि मर्जर के बाद नई कंपनी से किसी तरह की छटनी नहीं की जाएगी। एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक मर्जर के बाद बनी नई कंपनी में वोडाफोन की 45 फीसद हिस्सेदारी होगी। वहीं आईडिया के प्रमोटर्स इस कंपनी में 26 फीसद हिस्सेदारी रखेंगे। वहीं आईडिया सेल्युलर के पास 130 रुपए प्रति शेयर भाव पर 9.5 फीसद हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
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