बेंगलुरु के मशहूर नाई हैं रमेश बाबू
जर्मनी से इंडिया आये कुछ डेलीगेट्स ने जब एक कार की मांग की तो पता चला कि पूरे शहर में सिर्फ दो ही लोग हैं जिनके पास वो कार है। एक तो देश से पहले ही फरार चल रहे हैं और दूसरे जनाब कहीं और बिजी हैं। इस कार का नाम मर्सिडिज मायबक एस 600 था। जिसे जर्मन डेलीगेट्स किराये पर लेना चाहते थे। इस कार की कीमत 3.2 करोड़ है। आप को जानकर हैरानी होगी कि यह कार भारत में उपलब्ध नहीं है। इस कार को कुछ समय पहले जर्मनी से इंपोर्ट किया गया है। इस कार को मगाने वाले कोई अरबपति नहीं बल्कि एक नाई है। यह कार बेंगलुरु के मशहूर नाई रमेश बाबू की है।
इतनी कारों के मालिक हैं रमेश बाबू
रमेश ने नई मर्सिडिज मायबक जनवरी में इंपोर्ट कराई थी। बेंगलुरु में विजय माल्या और एक बिल्डर के अलावा केवल रमेश बाबू के पास यह कार है। रमेश बाबू के पास इस कार के अलावा एक रोल्स रॉयस, 11 मर्सिडिज, 3 ऑडी और 2 जैगुआर शामिल हैं। रमेश टूर ऐंड ट्रैवल्स के मालिक रमेश अपने सलून में रोजाना 5 घंटे काम करते हैं। रमेश ने इन कारों के लिए भारी-भरकम बैंक लोन लिया है। उन्होंने शहर में कई रईस लोगों को अपना ग्राहक बना लिया है जिसके कारण उनका काम अच्छा चल रहा है। जो 150 कारें होने के बाद भी 75 रुपए में लोगों के बाल काटते हैं। इन्हें लक्जरी कारों का शौक है।
रोल्स रॉयस खरीदने के बाद सुर्खियों में आये
रमेश ने कहा कि यह गर्व की बात है कि माल्या और एक बिल्डर के बाद शहर में केवल मेरे पास यह शानदार कार है। मैं चाहता हूं कि मैं दुनिया की हर लक्जरी कार का मालिक बन जाऊं। रमेश बाबू ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि मैं भूल जाऊं कि मैं कहा से आया हूं। मेरी मां ने मेरे पिता की मौत के बाद बेहद गरीबी में पाला है। इसलिए मैं अभी भी अपने सलून में काम करता हूं। 2011 रोल्स रॉयस खरीदने के बाद वो सुर्खियों में आगये थे। उन्हें कई मैग्जीन ने अपने फ्रंट पेज पर जगह दी थी।
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