इंडिया में अगर किसी ने टेस्ट की बोरिंग बैटिंग में जान डाली तो वे थे मुल्तान के सुल्तान वीरेंद्र सहवाग. जब वे पिच पर डट जाते थे तो सफेद जर्सी का टेस्ट क्रिकेट और नीली जर्सी के वनडे क्रिकेट में कोई फर्क नहीं दिखता था. वीरू टेस्ट में भी बॉलर्स की ऐसे धुलाई करते थे जैसी फटाफट क्रिकेट में होती है. विंडीज के लीजेंड बैट्समैन विव रिचर्ड्स ने तो वीरू को दुनिया का सबसे विध्वंसक बैट्समैन तक करार दे दिया था. उनकी कुछ कभी न भूल सकने वाली इनिंग्स का इंडिया को दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम बनाने में खास योगदान रहा है.
वीरू के अजूबे रिकॉर्ड
2003-04 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में पहले ही दिन वीरू ने 195 रन ठोंक दिए थे, जिसे क्रिकेट एक्सपर्ट्स आज भी किसी ओपनर की आस्ट्रेलिया में बेस्ट इनिंग्स मानते हैं. वीरू न सिर्फ इंडिया के इकलौते ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले बैट्समैन हैं, बल्कि फास्टेस्ट ट्रिपल सेंचुरी का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है. इसके अलावा सबसे ज्यादा डबल सेंचुरी बनाने वाले इंडियन बैट्समैन, सबसे ज्यादा बार 250 से अधिक की इनिंग्स खेलने वाले दूसरे बैट्समैन और एक दिन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इंडियन बैट्समैन का रिकॉर्ड उन्हें एक महान बैट्समैन बनाता है.
जब वीरू बने संकटमोचक
वीरू कई बार अपने बल्ले से इंडिया के सबसे बड़े संकटमोचन बने. 2008 में एडिलेड टेस्ट की दूसरी इनिंग्स में सहवाग की 151 रनों की इनिंग्स के कारण ही इंडिया मैच ड्रॉ कराने में सफल रही थी. 2008 में ही गॉले टेस्ट के दौरान वीरू की जबर्दस्त बैटिंग को कौन भूल सकता है. पहली इनिंग्स में इंडिया ने 329 रन बनाए थे, जिसमें वीरू के नॉटआउट 201 रन भी शामिल थे. उनकी इस इनिंग्स की बदौलत इंडिया श्रीलंका पर 170 रनों से जीत दर्ज करने में कामयाब रही.
वीरू ने बनाया नंबर वन
दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मुंबई टेस्ट के दौरान उनकी 293 रनों की इनिंग्स ने न सिर्फ इंडिया को भारी जीत दिलाई थी, बल्कि कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किए थे. इसी तरह 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में महज 174 गेंदों पर उनकी 165 रनों की धमाकेदार इनिंग्स की बदौलत टीम इंडिया सिरीज ड्रॉ कराने में कामयाब रही और टेस्ट रैंकिंग में उसकी टॉप प्लेस भी बरकरार रही थी.
...तो कौन देखेगा टेस्ट क्रिकेट?
सहवाग को जब टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तब टीम इंडिया लंबे समय से एक अदद बेहतर ओपनर के लिए तरस रहा था. वीरू ने न सिर्फ इस कमी को पूरा किया, बल्कि अपने बैट की आग से टेस्ट क्रिकेट को और रोमांचक बना दिया. वीरू की टीम में मौजूदगी भले ही इंडियी की जीत की गारंटी न रही हो, लेकिन स्टेडियम में भीड़ को बुलाने की गारंटी जरूर थी. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सहवाग के बिना टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में पब्लिक को अट्रैक्ट कर पाएगी.
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