ऐसी है बीमारी
मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव में हल्लू कॉलोनी की रहने वाली हैं 16 साल की शालिनी। दरअसल शालिनी यादव को त्वचा की एक बेहद गंभीर बीमारी है। डॉक्टरों का इस बीमारी के बारे में कहना है कि बिना पूरी जांच करे वो इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं। फिलहाल लक्षणों के बारे में उनका कहना है कि इस बीमारी में शरीर की त्वचा किसी पेड़ की छाल सी झड़ती है।

ऐसा है शालिनी की मां का कहना
वहीं शालिनी की मां देवकुंवर बताती हैं कि जब उनकी बेटी के शरीर से त्वचा झड़ती है तो वह तड़प उठती है। उस समय उसको बेइंतेहा दर्द होता है, लेकिन उस हालत में उसको सिर्फ देखा जा सकता है। उसके दर्द को कोई बांट नहीं सकता। शालिनी की मां बताती हैं कि जब उसका जन्म हुआ था तभी से उसको ये बीमारी है। उन्होंने इलाज के लिए उसको काफी डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन उस समय सभी ये कहते कि वक्त के साथ ये ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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बेटी की हालत पर रो पड़ती है मां  
वक्त के साथ-साथ ये और भी बढ़ता चला गया। उनकी मां का कहना है कि वो इस बात को सोच कर बेहद दुखी हैं कि अपनी बेटी के लिए वो कुछ नहीं कर सकतीं। उसको तिल-तिल मरता हुआ देखने के अलावा उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं है। शालिनी की मां ये कहते हुए फफक पड़ती हैं कि कोई मां अपने बच्चे की मौत नहीं चाहेगी, लेकिन उसको हर रोज दर्द से मरता हुआ देखती हैं तो मन में आता है कि भगवान अब उसको अपने पास बुला लें।     

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शालिनी कहती हैं
शालिनी की मां बताती हैं कि उसके दो भाई हैं। एक का नाम सेजल (15) है और दूसरे को नाम प्रिंस (8)। शालिनी के अलावा उनके दोनो बच्चे स्वस्थ हैं। अब शालिनी खुद अपने जीवन से निराश हो चुकी है। वह खुद ये कहती है कि उसकी जिंदगी अब शायदा यूं ही तड़प-तड़प कर गुजरेगी।

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ऐसा कहते हैं शालिनी के मामा
बता दें कि शालिनी की मां आंगनबाड़ी में काम करती हैं। अब क्योंकि शालिनी की देखभाल के लिए घर पर कोई नहीं होता, इसलिए वो पड़ोस में ही रहने वाली अपनी नानी-मामा के साथ रहती है। उसके मामा अखिलेश, कैलाश और नानी भुमानदेवी कहती हैं कि शालिनी के पिता राजबहादुर छोटे-मोटे काम करके घर-परिवार चला रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो क्या करें।

स्कूल से भी निकाला गया
अभी शालिनी सिर्फ चौथी क्लास तक ही स्कूल जा पाई है। इस बारे में उसके मामा अखिलेश बताते हैं कि शालिनी पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसे देखकर बच्चे डर जाते थे। इसे देखते हुए उसको स्कूल से निकाल दिया गया है। शालिनी कहती है कि उसकी बीमारी से सभी परेशान हैं, लेकिन वह खुद क्या करे। वह अब जीना चाहती है, लेकिन ऐसी जिंदगी उसको नहीं चाहिए। वह कहती है कि कोई उसकी मदद करे, तो वह उसका उपकार कभी नहीं भूलेगी।

ऐसा कहना है डॉक्टरों का
शालिनी की इस बीमारी के बारे में भोपाल की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. गीतांजली शर्मा कहती हैं कि दुनिया में त्वचा से जुड़ीं तीन तरह की गंभीर बीमारियां हैं। स्क्लेरोसिस, स्क्लेरोडर्मा और सोरायसिस। इनके इलाज को लेकर अभी दुनियाभर में डॉक्टर रिसर्च कर रहे हैं। आमतौर पर बच्चों में यह बीमारी गर्भावस्था के समय ही कैल्शियम की कमी के कारण होती है। कई गर्भवती महिलाएं मिट्टी खाती हैं। मिट्टी से कुछ जीवाणु-विषाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ये जीवाणु भी बीमारियों का कारण बनते हैं।

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