कहां से आई यह दीवार
मध्य प्रदेश का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। यह प्रदेश कई धरोहरों को सहेजे हुए है। यहीं पर 1000 साल पुरानी दीवार का पता चला है। मध्य प्रदेश में स्थित ये दीवार चीन की द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना जितनी लंबी तो नहीं, लेकिन दुनिया में ये दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जा रही है। राजधानी भोपाल से करीब 200 किमी दूर रायसेन जिले के गोरखपुर गांव में ये दीवार शुरू होकर कई गांवों से होते हुए बाड़ी के चौकीगढ़ किले तक जाती है। कहीं-कहीं इस दीवार की ऊंचाई 15 फीट तक है, तो कुछ जगह यह काफी नीची है।
यह है दीवार की खासियत
रिपोर्ट के मानें तो यह दीवार लाल बलुआ पत्थरों से बनाई गई है। इन पत्थरों की चुनाई चूने और गारे से की गई है। बीच-बीच में पत्थरों को जोड़ने के लिए लोहे के डावेल्स का इस्तेमाल किया गया है। पुरातत्वविदों और वास्तुविदों के मुताबिक इस दीवार का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच परमार वंश के राजाओं ने करवाया था। इस द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया के पास कई प्राचीन मूर्तियां और एक पुराना तालाब भी मिला है। इस दीवार का सबसे सुरक्षित हिस्सा मोघा डैम के पास है। दीवार के एक हिस्से के पास सीढ़ीनुमा पक्के घाटों वाला तालाब भी मिला है। इतना ही नहीं दीवार के पास से कई बहुमूल्य मूर्तियां भी मिली हैं। भारत सरकार ने इस अमूल्य धरोहर को संजोने में जुट गई है।
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