साइंटिस्ट्स का दावा है कि उन्होंने सूर्य के भविष्य के रहस्य का पता लगा लिया है. उन्होंने दावा किया है कि अब यह पता लग चुका है कि पांच अरब साल बाद सूरज कैसा दिखेगा.
सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रो. टिम बेडिंग ने बताया कि किसी भी तारे के अन्दरूनी स्ट्रकचर से पता लगाया जा सकता है कि अपने अगले चरणों में वह कैसे दिखेगा.
नासा के ‘केपलर दूरबीन’ का प्रयोग कर एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने कई सारे लाल तारों (रेड जाइंट) के अन्दरूनी स्ट्रक्चर और उनकी एक्सटर्नल लेयर के स्ट्रक्चर्स को स्टडी किया है.
बेल्जियम की एक यूनिवर्सिटी में इस ग्रुप ने तारों के भीतर पैदा होने वाली तरंगों की गति का अध्ययन किया. इनकी गति और तारों की चमक के अनुपात में फर्क नजर आया है.
यह फर्क इतना सूक्ष्म था कि इसको समझने के लिए साइंटिस्ट्स को केपलर दूरबीन से आंकड़े इकट्ठे करते करते दो साल लग गए.
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि सूरज जैसे तारों का भीतरी भाग बाहरी हिस्से से ज्यादा गति से घूमता है. करीब पांच अरब साल बाद सूर्य भी रेड जाइंट तारा बन जाएगा. इस शोध को फेमस साइंस जनरल ‘ नेचर’ में पब्लिश किया गया है.
International News inextlive from World News Desk