जैसलमेर में है गांव
राजस्थान के जैसलमेर के निकट कुलधरा नाम का एक गाँव है। लोग इसे भुतहा गाँव भी कहते हैं। ये दुनिया का सबसे डरावना गाँव है। 1825 में रातो-रात इस गाँव के 2000 घर खाली हो गए। कहा जाता है कि 191 साल पहले गांव के दीवान के डर से वहां के सभी लोग पलायन कर गए थे। बाद में इसे भुतहा गाँव के नाम से बदनाम कर दिया गया। कुलधरा अब भुतहा खंडहर नहीं बल्कि बहुत आबाद होने जा रहा है। इस गाँव को पर्यटन के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है। 2000 घरों के खंडहर को 20 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा।
20 करोड़ की लागत से फिर से तैयार होगा गांव
पुरातत्व विभाग ने एक प्राईवेट कंपनी के साथ मिलकर 20 करोड़ की लागत से 2 हजार खंडहरों वाले कुलधरा चमकाने में जुटे हुए हैं। जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। हैरिटेज पाथ, पर्यटकों के लिए शानदार सुइट्स, म्यूजियम, कैफेटेरिया बनाया जा रहा है। खंडहर की गलियों में चुड़ैल ट्रेल जैसी सफारी भी होगी। कुलधरा के पुनर्निर्माण से जैसलमेर में टूरिज्म 25 फीसदी और बढ़ेगा। पालीवाल ब्राह्मणों ने 1291 में कुलधरा गाँव को बसाया था। गाँव की कालोनी बहुत ही आकर्षक थी। यह बिल्कुल माडर्न दिखाई देता था।
ये कहानी है प्रचलित
गाँव के दीवान सालेम सिंह की बुरी नजर गाँव के पुजारी की बेटी पर थी। दीवान ने पुजारी को धमकाया कि अपनी बेटी का विवाह मेरे साथ कर दे वरना वह उसे उठवा लेगा। पुजारी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बेटी की इज्जत बचाने के लिए 1825 में कुलधरा व अन्य 83 गाँव से पालीवाल रातों-रात पलायन कर गए। बाद में लोगों ने बदनाम कर दिया कि यह भुतहा गाँव है। तब से इस गाँव में कोई नहीं रुकता।
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