कहानी
बालासाहब ठाकरे की ड्रामेटिक बायोग्राफी

रेटिंग : तीन स्टार

समीक्षा
जितनी विवादित ठाकरे का जीवन रहा है ये फिल्म महज़ वो सारे इवेंट गिनवाती है। कैसे एक आम आदमी इतना बड़ा पब्लिक फिगर बना की लोग उसकी पूजा करने लगे। इस जर्नी को मैजेस्टिक कह सकते हैं और ये फिल्म बड़े सिस्टेमेटिक तरीके से ठाकरे की कहानी के बोम्बास्टिक मोमेंट्स से आपको फिर से मिलवाती है। फिल्म का आर्ट डायरेक्शन गज़ब है और फिल्म के बाकी टेक्नीकल डिपार्टमेंट भी बहुत उम्दा है। फिल्म एक बड़ा इफेक्टिव डॉक्यूड्रामा बन कर उभरती है तो ख्याल आता है की अगर ये एक वेब सीरीज होती तो शायद बेहतर होता, फ़िल्मी लिमिटेशंस के कारण सब्जेक्ट थोड़ा धुंधला सा हो जाता है। जैसा की मैंने पहले कहा की कोई नै बात नहीं कही गई है फिल्म में इसलिए फिल्म का पेस थोड़ा बोर करने लगता है।


अदाकारी

नवाज जैसा एक्टर ही आर्ट और क्राफ्ट में इतना अकॉमप्लिश्ड हो सकता है कि करैक्टर में इतना घुस जाए कि एक पॉइंट के बाद आप भूल ही जाओ की इस नकली नाक के पीछे एक असली हीरा एक्टर छुपा है। फिल्म के स्ट्रक्चरल फ्लॉस को नवाज अपनी एक्टिंग से कवर करते हैं।  कुलमिलाकर ये एक डिसेंट बायोपिक है , देखी जा सकती है।

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn

 

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