ब्रूस मेंडेलसन, पूर्व सैनिक
मैंने धमाके की आवाज़ सुनी, मुझे हर तरफ़ धुंआ दिखाई दिया, और मुझे तक़रीबन पांच सेकंड बाद ही एक दूसरे धमाके का एहसास हुआ. सामने सड़क पर हर तरफ़ ख़ून ही ख़ून और बम के टुकड़े बिखरे पड़े थे. मैं वहां मौजूद लोगों की मदद करने में लग गया.
वो बहुत दहशत भरा माहौल था और लोग इमरजेंसी सेवा 911 पर फ़ोन कर रहे थे. कुछ देर पहले का जश्न का माहौल मातम में बदल गया था. धमाका एक भवन में हुआ था, उसके कांच बाहर तक उड़कर आ गए थे, हर तरफ़ शीशे बिखरे पड़े थे.
मुझे बारूद की महक महसूस हो रही थी. मैंने कमीज़ निकालकर ज़ख़्म पर प्रेशर डाल ख़ून के बहाव को रोकने की कोशिश की. बाद में मुझे फर्स्ट एट का सामान भी मिल गया. उसके बाद पुलिस आ गई और उसने पूरे एरिया को घेरकर वहां से सबको बाहर कर दिया.
फ़ातिमा तानिस, पत्रकार
मैं उस वक़्त धमाके के स्थान से क़रीब 300 फूट दूर कॉप्ले स्क्वायर के पास थी, मैराथन में शामिल एक व्यक्ति का इंटरव्यू करती हुई. तभी मैंने एक धमाका सुना, ऐसा जैसा किसी ने तोप चला दी हो. पास की ज़मीन हिल रही थी. ऐसा लग रहा था जैसे कोई शोर आपको घेरकर अपनी चपेट में ले रहा हो.
उसके बाद मुझे आग और धूंआ नज़र आया. हर तरफ़ अफ़रा तफ़री थी. लोग दहशत में थे. जो लोग धमाके के पास वाली जगह में थे, उनके चेहरे पर खरोंचे थी, कई को ज़्यादा चोटें आईं थीं. दूसरा धमाका उतना तेज़ नहीं था.
स्टूआर्ट सिंगर, ब्रितानी धावक
मैं मैराथन ख़त्म करने के बाद ... अपनी पत्नी से मिला और हम होटल वापस लौट रहे थे कि हमें धमाका सुनाई दिया और सायरनों की आवाज़ आई. हमने इसके बारे में बहुत नहीं सोचा, हमें लगा कुछ य़ूं सा है, और हम होटल की तरफ़ बढ़ते गए.
उसके बाद हमने समाचार देखा. लोग हमें फ़ोन करने लगे. ये वाक़ई बहुत भयावह था. जब मैराथन जारी था तो लोग बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे, लोग हमें ड्रिंक्स दे रहे थे, और भी लोग थे, वहां ज़रूर अजीब सा माहौल होगा.
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