1- सबसे जरूरी है कि बच्चों से बात जरूर करें। संवाद ना होने की स्थिति बिलकुल अच्छी नहीं होती।
2- याद रखें बच्चे को बाहरसे मिलने वाला अधकचरा और गलत ज्ञान उसे भ्रमित कर सकता है और गल्ती करने की वजह बन सकता है।
3- बिना हिचकिचाये बच्चों से बात करें और उनमें ये विश्वास पैदा करें कि वो अपने मन की हर बात आपसे साझा कर सकते हैं।
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4- अगर बच्चा आपसे अपने मन की बात कहनेमें असर्मथ होगा तो उसे बहकाना दूसरों के लिए आसान हो जायेगा और उसका फायदा उठाना भी। ये बाल यौन शोषण का सबसे बड़ा कारण होता है।
5- बच्चे को स्पर्श की भाषा पढ़ना सिखायें। गुड टच और बैड टच का मतलब और फर्क बतायें।
6- बच्चे के व्यवहार पर नजर रखें अगर बच्चा अचानक एकदम खामोश या अचानक जिद्दी और आत्मकेंद्रित हो जाता है तो ये खतरे का चिन्ह है।
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7- बच्चे को उसके अंगों और यौन संबंधों के विषय में स्पष्ट जानकारी दें।
8- बच्चे को हाईजीन की ही तरह यौन संबधों के विषय में बरती जाने सर्तकताओं के बारे में बतायें। लड़कियों को मासिक की समस्या और लड़कों को लड़कियों और उनमें फर्क के बारे में समझायें और उसका सम्मान करना भी सिखायें।
9- उन छोटे संकेतों के बारे में सावधान करें जो यौन शोषण से बचने में सहायक हो सकते हैं। जैसे एकांत में जाने से बचना, चॉकलेट या दूसरे गिफ्टस के लालच से बचना, लिफ्ट के ऑफर और किसी पर भी मदद का विश्वास करना।
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10- आखिर में एक बात तो जरूर खुद समझ लें और बच्चों को भी स्पष्ट बतायें कि खतरा सिर्फ बाहर या अनजानों से ही नहीं अपनों से घर के भीतर भी है इसलिए दी गयी जानकारी के साथ हमेशा सर्तक रहें।
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