मोदी के भाषण की 12 अहम बातें:
- जो साल का सोचते हैं वो अनाज बोते हैं, जो दस साल का सोचते हैं वो फलों के वृक्ष बोते हैं, जो पीढ़ियों का सोचते हैं वो छात्र बोते हैं.
- टीचर और बच्चे ही स्कूलों को साफ़ करें, और अफ़सर यदि हफ़्ते में एक दिन कुछ समय स्कूल को दें तो इससे राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हो सकता है.
- दिन में चार बार बच्चों का पसीना निकलना चाहिए. खेल-कूद और मस्ती भी करनी चाहिए.
- बच्चों को महान लोगों का जीवन चरित्र पढ़ना चाहिए.
- बच्चों को तकनीक से वंचित रखना एक सामाजिक अपराध है.
- भारत पूरी दुनिया को अच्छे शिक्षक बनाने का सपना दे सकता है और भारत पूरी दुनिया को टीचर एक्सपोर्ट क्यों नहीं कर सकता?
- बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए. एक लड़की की शिक्षा से दो परिवार शिक्षित होते हैं.
- कहा जाता है कि व्यक्ति का अनुभव ही उसकी सबसे बड़ी शिक्षा है, लेकिन अनुभव भी अच्छी शिक्षा पर ही निर्भर करता है.
- बिजली बचाना, अच्छा विद्यार्थी बनना, सफाई जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना भी एक तरह की देश सेवा है.
- मौसम नहीं बदला, हमारी आदतें बदली हैं. प्रकृति के साथ जीना भूल गए हैं, प्रकृति से छेड़छाड़ करना गलत
- राजनीति को पेशे का तरह नहीं लेना चाहिए. इसे सेवा की तरह लेना चाहिए. सेवा का भाव तभी जगता है जब अपनापन होता है.
- डिजिटल इंडिया: सभी भाषाओं में छात्रों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराना. ये कार्यक्रम मेरी सरकार के लिए एक टेस्ट की तरह है.
International News inextlive from World News Desk