रज़्ज़ाक़ ने कहा कि शनिवार की सुबह जांच अधिकारियों ने उन्हें जांच के बारे में तफ़सील से जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि विमान में किसी तकनीकी ख़राबी की गुंजाइश नहीं है और इस बात के पक्का सुबूत मिले हैं कि विमान के संचार उपकरण और उड़ान की दिशा में जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी.
उन्होंने कहा कि वह काफ़ी विश्वस्त तरीक़े से यह कह सकते हैं कि विमान में लगे ट्रांसपोर्डर को जानबूझकर बंद कर दिया गया.
उनका कहना था, ''हमने जांच का दायरा और बढ़ा दिया है और 14 देश तलाशी अभियान में जुटे हुए हैं.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि नए सिरे से जांच की जा रही है और विमान में सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के बारे में फिर से जांच की जा रही है.
ग़ौरतलब है कि मलेशियाई एयरलाइंस का विमान एम एच 370 पिछले शनिवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर से चीन की राजधानी बीजिंग के लिए रवाना होने के एक घंटे बाद रहस्यमय तरीक़े से रडार स्क्रीन से ग़ायब हो गया था.
विमान में 239 लोग
इस विमान में पांच भारतीय, भारतीय मूल के एक कनाडाई नागरिक और चालक दल के 12 सदस्य समेत कुल 239 लोग सवार थे.
यात्रियों की ज़िंदगी की दुआ मांगते उनके रिश्तेदार
तलाशी अभियान में दक्षिण पूर्व एशिया के 14 देशों की नौसेनाएं एवं सैन्य विमानों के लगे होने के बावजूद अभी तक विमान या उसके मलबे का कुछ पता नहीं चल पाया है.
भारत ने जेटलाइनर का पता लगाने के लिए गुरुवार को चार युद्धपोत तैनात किए.
लापता मलेशियाई विमान की तलाश करने का अभियान हिंद महासागर तक विस्तृत कर दिया गया.
पिछले सप्ताह ऐसी ख़बरें आई थीं कि विमान शायद अंडमान द्वीप की ओर उड़ा होगा, हालांकि विमान को लेकर रहस्य बना रहा था.
एक ख़बर में कहा गया था कि विमान बोइंग 777-200 मलय प्रायद्वीप को पार करते हुए अंडमान द्वीप की ओर से उड़ा होगा.
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