यदि आपके पास गुरु नहीं है तो क्या करें
शास्त्रों में इसका भी विधान है कि यदि आपके पास गुरु नहीं है तो सर्वप्रथम गुरु माता और पिता को ही अपना गुरु मान लें। उनके चरणों का पूजन वंदन कर प्रभु का सुमिरन करें। आपके लिए यह अत्यंत फलदाई साबित होगा।
अपने गुरु को क्या अर्पित करें
सर्वप्रथम श्रद्धा पूर्वक गुरुदेव को उपहार स्वरूप पुस्तक-कलम दक्षिणा प्रदान करें। इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है आपके गुरु के प्रति निष्ठा जितनी प्रबल होनी चाहिए। इससे गुरु की कृपा उतनी ही ज्यादा मिलेगी।
ये हैं पुराणों के श्रेष्ठ गुरु
विश्व के महान गुरु भगवान परशुराम, भीष्म पितामह, महर्षि वशिष्ठ और एकलव्य के गुरु द्रोण आदि को माना गया है।इन सभी को पुराणों में श्रेष्ठ गुरु की उपाधि दी गई है। जब तक गुरु की शरण में नहीं जाएंगे, बिना गुरु के इस भौतिक और विलासिता पूर्वक संसार से कोई पार नहीं पा सकता। गुरु मिलने के क्षण तक हमारा उद्धार नहीं हो सकता।
क्या होता है जीवन में गुरु का महत्व
गुरु मतलब प्रकाश है जो अंधकार से प्रकाश में ला देता है। उसी को हम गुरु कहते हैं। यदि हम भौतिक विद्या सीखना चाहते हैं तो अध्यापक के पास जाना होता है। नेपाली भाषा सीखनी है, तो नेपाली अध्यापक के पास जाना होगा। अध्यात्म ज्ञान सीखना है तो अध्यात्मिक गुरु के पास जाना होगा। कंप्यूटर में जब वायरस घुस जाता है तो अंदर की फाइलें और डाटा अस्त-व्यस्त हो जाता है। ऐसे ही हमारे मन में अहंकार इच्छाएं वासनाएं भी होती हैं, जिसके वायरस फैल जाने से जीवन में कष्ट पीड़ा और बर्बादी आती है। इन समस्याओं से हमें आध्यात्मिक गुरु ही बाहर निकाल सकते हैं।
-पंडित दीपक पांडेय
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