शिक्षक दिवस पर विशेष

-पॉकेट मनी खर्च कर संवारे रहे बच्चों का करियर

-शहर के यंगस्टर्स मलिन बस्तियों के बच्चों को दे रहे शिक्षा

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VARANASI : शिक्षा की गंगा तो हर ओर बह रही है। बहुतों ने इसे व्यवसाय बना लिया है लेकिन अपने शहर में कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने शिक्षा को पेशा नहीं बनाया बल्कि उसकी पूजा करते हैं और उन तक भी पहुंचाने का प्रयास करते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं जो गरीबी और मजदूरी को ही अपना नसीब मान बैठे हैं। सरस्वती के ऐसे साधक मलिन बस्तियों में बच्चों को कहकरा सीखा रहे हैं। एक तरह से बस्तियों को गोद लेकर बच्चों के फ्यूचर संवारने की पूरी जिम्मेदारी तक उठा रहे हैं। कापी-किताब स्टेशनरी अवेलेबल कराने से लेकर त्योहार पर कपड़े तक वितरित करते हैं। शिक्षक दिवस पर आइए मिलते है शहर के इन टीचर्स से।

 

नेहा निखार रहीं मेधा

 

माय होम इंडिया संस्था से जुड़कर बच्चों का फ्यूचर संवारने वाली नेहा दूबे सामनेघाट, रविंद्रपुरी, पदमश्री चौराहा स्थित मलिन बस्ती में बच्चों को ज्ञान का दीपक बांट रही है। बीएचयू से एमएसडब्ल्यू कर चुकी नेहा के संग उनके दोस्त भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। डेढ़ साल पूर्व सामनेघाट स्थित मलिन बस्सी से गरीब बच्चों को पढ़ाने का सिलसिला शुरू करने वाली नेहा मौजूदा में पदमश्री चौराह के मलिन बस्ती में कम से 40 बच्चों को अक्षर पहचाने की ट्रेनिंग दे रही हैं। यह बच्चे बिना रूके फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। जुबानी गुणा-भाग करते हैं और सामान्य ज्ञान के विषयों पर भी उनका जबरदस्त कमांड है।
ये टीचर बना रहे गरीब बच्चों का फ्यूचर

 

कापी-किताब के साथ ड्रेस भी

 

बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही उनका रहन-सहन भी सुधारा जा रहा है। उनका जन्मदिन भी मनाया जाता है। केक कटने से लेकर नए कपड़े तक दिए जाते हैं। इस पूरे आयोजन का खर्च नेहा दूबे सहित टीम के मेंबर्स उठाते हैं। पॉकेट मनी से बच्चों का फ्यूचर संवारने में सुबह-शाम माय होम इंडिया की टीम लीन रहती है। नि:शुल्क बच्चों को पढ़ाने से लेकर उनकी प्रतिभाओं को तराशने जैसे गीत, संगीत, नृत्य और अभिनय की पहचान भी करती है।

 

टीटीएफ बांट रहा ज्ञान

 

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ मास कॉम के स्टूडेंट्स की बनाई हुई संस्था टीटीएफ फाउंडेशन भी बच्चों को शिक्षा से जोड़ रहा है। फाउंडर अजत द्विवेदी, वैभव मिश्र, रंजीत रंजन, अवनीश, शुभम की देन है कि अब तक पांच सौ से अधिक बच्चे शिक्षित हो चुके हैं। लहरतारा स्थित मलिन बस्ती, मलदहिया, छित्तपुर, लल्लापुरा आदि गरीब बस्तियों में बच्चों को पढ़ाने से लेकर उन्हें पर्यावरण और स्वच्छता अभियान की महत्ता भी बताई जा रही है। त्योहार पर जहां हर कोई अपने घरों में होता है तो टीटीएफ फाउंडेशन की टीम मलिन बस्तियों में बच्चों के संग होता है। फाउंडेशन में अजत के अन्य साथी भी पॉकेट मनी की बदौलत बच्चों के लिए शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। यही नहीं, बच्चों की प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें तराशने से भी नहीं चूकते। गीत-संगीत और नृत्य, अभिनय में जिसकी रूचि होती है उसे पूरा कराने के लिए जी तोड़ मेहनत भी करते हैं। यही वजह है कि संस्था को कई राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा भी गया है।