नजरें अलग तो चीजें अलग
इंग्लैंड की एक यूनिवर्सिटी में आंखों की रोशनी से संबंधित एक रिसर्च की गई। इसमें पाया गया कि, सभी लोगों की नजरें एक साथ सभी चीज नहीं देख सकतीं। जैसे कि कोई किसी वस्तु के सेंटर को गौर से देखता है, तो कुछ लोग उसके आसपास की चीजों पर पहली नजर डालते हैं। इसके लिए शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में 12 लोगों को शामिल किया और उनका एक टेस्ट लिया।
यह टेस्ट तीन भागों में लिया गया।
1. ऊपर दी गई तस्वीर में एक लाल रंग का डॉट है। आपको रेड डॉट पर फोकस करना है। इसके साथ ही ऊपर और नीचे बनी घड़ियों को भी देखना है।
2. इस तस्वीर में आपको रेड डॉट पर फोकस करते हुए दाएं और बाएं की घड़ियों को देखना है।
3. इस तस्वीर में आपको बीच में बने रेड डॉट पर फोकस करते हुए आसपास बने C अक्षर को देखना है।
परीक्षण में यह आया सामने
इस टेस्ट के परीक्षण के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि, सभी प्रतिभागियों ने रेड डॉट से दूर वाली घड़ियों को ज्यादा ध्यान से देखा। रेड डॉट के आसपास की घड़ियां सबसे बाहर स्थित घड़ी के काफी नजदीक दिखाई देने लगी। इसे 'विजुअल क्राउडिंग' कहते हैं। यानी कि आप भीड़ में अपने पास से ज्यादा दूर स्िथत चीजों को जल्दी देख लेते हैं। इसके अलावा रिसचर्स ने यह भी देखा कि, दाएं और बाएं में देखने पर सिर्फ थोड़ा बहुत फर्क नजर आया। लेकिन नीचे की तुलना में ऊपरी हिस्सा काफी कमजोर मालूम पड़ा। यानी कि लोग ऊपर वाले हिस्से को देखने में असमर्थ थे, जबकि निचला हिस्सा आसानी से नजर आ रहा था।
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