मुंबई(मिड-डे)। तापसी पन्नू जो रियल लाइफ में काफी तेज- तर्रार नजर आती हैं, ने अनुभव सिन्हा की मूवी थप्पड़ में बहुत खूबसूरती से एक ऐसा किरदार निभाया है जो आराम से अपनी बात दमदार तरीके से रखती है। इस मूवी में शांत रहने वाली 'अमृता' का किरदार निभाकर जो अपने हसबैंड से एक तमाचा खाने के बाद अपनी शादी पर फिर से गौर करती है, तापसी ने बिना आवाज ऊंची किए अहम बात समझाई है।
अपने किरदार में रहकर महसूस कर रही थीं घुटन
अपने किरदार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'अमृता बहुत व्हाइट है जबकि मुझमें ग्रे के बहुत से शेड्स हैं। वह अपने इमोशंस को कंट्रोल करती हैं जबकि मैं इतना सोचती नहीं हूं। ऐसे में मेरे लिए लगातार 30 दिनों तक यह रोल करना 'क्लॉस्ट्रोफोबिक' हो गया था। मुझे घुटन हो रही थी क्योंकि पूजा सीन से पहले तक वह जवाब नहीं दे रही थी। मुझे अपनी 'फायरब्रांड' वाली इमेज को पीछे रखकर उस एवरेज इंडियन वुमन की बात करनी थी जिस पर खुद से पहले औरों को आगे रखने की पाबंदी लगाई जाती है।'
मर्द और औरत, दोनों हैं बराबर के जिम्मेदार
वुमेन- सेंट्रिक स्टोरी होने के बावजूद उन्हें लगता है कि मूवी के मेल किरदारों, खासकर पवेल गुलाटी का निभाया 'विक्रम' का किरदार मूवी का एसेंस सामने लाते हैं। इस एक्ट्रेस के मुताबिक, 'इसमें दिमाग लगाने जैसी कोई बात नहीं है कि उस इंसान को छोड़ दिया जाए जो अपनी वाइफ को बार-बार मारता है। विक्रम सब कुछ सही करता है लेकिन उसे थप्पड़ के लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं महसूस होती। यह मूवी हक और रिलेशनशिप्स के बारे में है। इस प्रॉब्लम को नॉर्मल करके रखना गलत है। इसके लिए मर्द और औरत दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि एक अहम सीन में फीमेल लॉयर उससे आगे बढ़ जाने को कहती है।'
क्या 'बागी 3' की वजह से बदलनी पड़ी थी रिलीज?
तापसी बताती हैं कि कैसे यह मूवी हमारी सालों पुरानी परवरिश को हिलाकर रख देती है। वह बोलीं, 'एक स्क्रीनिंग के दौरान, एक मिडल- ऐज महिला बहस कर रही थीं कि अमृता मामले को बहुत आगे ले जा रही है। मैंने उनसे सिर्फ इतना पूछा, 'क्या आप तब भी यही बात कहतीं अगर विक्रम ने गुस्से में अपने फादर को मारा होता?' उनके पास कोई जवाब नहीं था।' बहुत अजीब बात है कि जेंडर इक्वालिटी पर बनी थप्पड़ को बागी 3 के लिए जगह बनाने के चलते 'वुमेन्स डे' की रिलीज से हटना पड़ा था। इसके बारे में बात करते हुए तापसी ने हंसते हुए कहा, 'यह बागी 3 के लिए नहीं किया गया था, किसी भी मूवी के क्लैश बचाने के लिए हम डेट बदलते। हमारी मूवी फेयर चांस डिजर्व करती थी और जब तक वुमेन्स डे आता, हम चाहते थे कि ऑडियंस के बीच इस मूवी की चर्चा हो रही हो।'
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