ब्रिटेन के द गार्डियन अख़बार को दिए एक इंटरव्यू में क़ादरी जमील ने कहा कि सरकारी सुरक्षाबल और विद्रोही एक दूसरे को नहीं हरा सकते.
जमील ने ये भी कहा कि भविष्य में होने वाली किसी भी शांति वार्ता में सीरियाई सरकार मित्र या निष्पक्ष देशों की निगरानी में युद्ध विराम की बात कहेगी.
इस बीच अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सीरिया के रासायनिक हथियारों पर कदम उठाने के लिए कहा है.
अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सीरिया के रासायनिक हथियारों के मामले में एक उचित प्रस्ताव के लिए तैयार रहना चाहिए.
निष्पक्ष जांचकर्ता
क़ादरी जमील ने अख़बार को बताया कि साल 2011 में शुरु हुए गृह युद्ध से सीरियाई अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सीरियाई संघर्ष में अब तक एक लाख से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लाखों लोग या तो देश छोड़ कर भाग गए हैं या फिर बेघर हो गए हैं.
जमील ने कहा, "न तो सशस्त्र विपक्ष और न ही सीरियाई शासन एक दूसरे को हराने में सक्षम है. ये स्थिति कुछ समय तक नहीं बदलेगी."
"न तो सशस्त्र विपक्ष और न ही सीरियाई शासन एक दूसरे को हराने में सक्षम है. ये स्थिति कुछ समय तक नहीं बदलेगी."
-क़ादरी जमील, उप प्रधानमंत्री, सीरिया
उप प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि वो सीरियाई सरकार की ओर से बोल रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर जेनेवा में लंबे समय से टल रही शांति वार्ता फिर से शुरु होती है तो सरकार निष्पक्ष या मित्र देशों की निगरानी में युद्ध विराम का प्रस्ताव रखेगी.
जमील ने कहा कि इससे सीरिया में बिना किसी बाहरी दखलअंदाज़ी के शांतिपूर्वक राजनीतिक प्रक्रिया का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा.
बेरूत में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर का कहना है कि क़ादरी जमील के वक्तव्य का विपक्ष खारिज कर देगा क्योंकि सुधार और लोकतंत्र की बात करने वाले सरकारी सूत्रों को लेकर विपक्ष को काफ़ी संशय है.
सैन्य कार्रवाई
उधर रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाब्कोव दमिश्क में वरिष्ठ अधिकारियों और विपक्ष के नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं.
रूस और अमरीका दोनों का ही कहना है कि वे रासायनिक हथियारों पर बनी सहमति के आधार पर रुकी हुई शांति प्रक्रिया फिर से शुरु करना चाहते हैं.
इस बीच अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की एक निर्णायक रिपोर्ट ने ये साबित कर दिया है कि पिछले महीने दमिश्क में हुए रासायनिक हमले के पीछे सीरियाई सरकार ही थी.
केरी का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली आम सभा की बैठक में इस बारे में अवश्य विचार करना चाहिए.
अमरीका ने इसी संदर्भ में सीरिया पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी थी लेकिन रूस की ओर से सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने संबंधी योजना के बाद इसे फिलहाल स्थगित कर दिया था.
केरी ने कहा, "अब इम्तहान की घड़ी आ गई है. अगले हफ्ते सुरक्षा परिषद को ठोस कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा."
रूस का एतराज़
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा था कि उन्हें इस बात का यकीन है कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को अमरीका-रूस योजना की निगरानी में नष्ट किया जा सकता है, लेकिन वो शत-प्रतिशत आश्वस्त नहीं हैं.
पिछले हफ्ते रूस और अमरीका की ओर से दी गई योजना के तहत सीरिया अपने रासायनिक हथियारों को नष्ट करने पर सहमत हो गया था.
पश्चिमी देश चाहते हैं कि इस समझौते को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के जरिए स्वीकृति दी जाए और यदि ऐसा न हो तो सीरिया पर हमले का विकल्प खुला रखा जाए.
हालांकि सीरिया के सहयोगी रूस को पश्चिमी देशों के इस प्रस्ताव पर आपत्ति है.
गत 21 अगस्त को राजधानी दमिश्क के पास एक रासायनिक हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी.
सीरिया का आरोप था कि ये हमले विद्रोहियों ने किए थे. रूस भी सीरिया की इस बात का समर्थन कर रहा है.
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