वॉशिंगटन में बीबीसी संवाददाता ब्रजेश उपाध्याय के अनुसार बीबीसी को एक अमरीकी रक्षा अधिकारी ने बताया है कि 'सेना को सीरियाई वायुसीमा में निगरानी ड्रोन उड़ाने की इजाज़त दे दी गई है.'
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार इसका मकसद आईएस के चरमपंथियों के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी हासिल करना है और इसे सीरिया में अमरीकी हवाई हमलों की ओर अहम पहला कदम माना जा रहा है.
अमरीकी प्रशासन की चिंता ये है कि वह सीरियाई राष्ट्रपति असद की मदद किए बिना सुन्नी चरमपंथियों को कमज़ोर करना चाहता है. अब यह कैसे संभव हो, इस पर बहस शुरू हो गई है.
सीरिया का संकट
सीरिया के विदेश मंत्री वालिद मौलेम ने कहा है कि उनका देश चरमपंथियों से निपटने के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय कोशिशों के साथ सहयोग करने को तैयार है. हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी कोशिश से पहले सीरियाई सरकार से समन्वय जरूरी है.
लेकिन अमरीका सहित पश्चिमी देश सीरियाई सरकार से कोई सहयोग लेने के पक्ष में नहीं हैं. इस्लामी चरमपंथियों की सक्रियता से सीरिया गृह युद्ध जैसे हालात का सामना कर रहा है.
उधर, अमरीका इस्लामी चरमपंथियों के इराक स्थित ठिकानों पर हमले शुरू कर चुका है.
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