विपक्षी कार्यकर्ताओं के मुताबिक ये हमला मध्य सीरिया के हमा प्रांत के हलफाया कस्बे में हुआ जिस पर हाल ही में विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था. विपक्षी कार्यकर्ताओं के मुताबिक इस हमले में अब तक नब्बे लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और इसे गृह युद्ध के दौरान अब तक के सबसे खतरनाक हमले के रूप में देखा जा रहा है.

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोहियों और विपक्ष की लड़ाई पिछले 21 महीनों से जारी है, जिनमें अब तक 44 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसा की ये ताजा वारदात उस वक्त हुई है जब सीरिया में अशांति खत्म करने के रास्ते तलाशने के लिए सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के संयुक्त दूत के लखदर ब्राहिमी राजधानी दमिश्क पहुंचे हुए हैं.

राहत सामग्री

हलफाया कस्बे में एक कार्यकर्ता समेर अल-हमावी ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी को बताया, “मृतकों की असली संख्या जानने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. जब मैं वहां गया तो मैंने जमीन पर लाशें ही लाशें देखीं.”

हमावी कहते हैं, “हमें पिछले तीन दिन से आटा नहीं मिला था, इसलिए हर कोई बेकरी की ओर जा रहा था. इनमें से ज्यादातर औरतें और बच्चे थे. मुझे अब भी ये नहीं पता है कि मृतकों में मेरे भी कई रिश्तेदार हैं या नहीं.”

फ्री सीरिया आर्मी नाम की विद्रोही सेना हमा प्रांत पर नियंत्रण के लिए पिछले काफी समय से प्रयास कर रही है. पांच दिन पहले ही उन्होंने सेना से कब्जा करने के बाद हलफाया को आजाद क्षेत्र घोषित कर दिया था.

बेरुत में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर का कहना है कि विद्रोही पूरे हमा प्रांत को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं. वहीं सरकार ने जैसा कि पहले भी कई बार किया है, अपने से दूर हुए इलाकों को फिर से पाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.

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