कानपुर। 29 दिसंबर 1949 को मद्रास (अब चेन्नई) में जन्में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सैयद किरमानी आज 69 साल के हो गए। किरमानी का पूरा नाम सैरूद मुज्तबा हुसैन किरमानी था। भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों की बात की जाए तो किरमानी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। किरमानी एक लीजेंड क्रिकेटर रहे हैं। भारत ने जब 1983 वर्ल्ड कप जीता तो उस जीत में सैयद किरमानी का अहम रोल रहा। यही नहीं उन्हें उस वर्ल्ड कप का बेस्ट विकेटकीपर भी चुना गया था। किरमानी सिर्फ विकेटकीपिंग ही नहीं बल्लेबाजी और गेंदबाजी भी कर लिया करते थे। वह उन चुनिंदा विकेटकीपर बल्लेबाजों में शामिल हैं जिनके नाम इंटरनेशनल मैचों में विकेट भी दर्ज है।
27 साल में किया था डेब्यू
किरमानी ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत 27 साल की उम्र में की थी। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, जनवरी 1976 में किरमानी ने अपना पहला टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में खेला था। किरमानी एक चतुर विकेटकीपर माने जाते थे। पेस के सामने जहां वह दूर जाकर कीपिंग किया करते थे तो वहीं स्पिनर्स के सामने वह विकेटों के पास खड़े हो जाया करते थे। आजकल सभी विकेटकीपर ऐसा करते हैं मगर उस वक्त किरमानी इस कला में माहिर थे।
धोनी से पहले किरमानी थे सबसे सफल विकेटकीपर
किरमानी के नाम 88 टेस्ट मैचों में 198 शिकार करने का रिकाॅर्ड है। इनसे आगे सिर्फ एमएस धोनी ही हैं जिन्होंने 294 शिकार किए। यही नहीं किसी एक टेस्ट मैच में एक पारी में सबसे ज्यादा डिसमिसल करने का रिकाॅर्ड संयुक्त रूप से किरमानी के नाम ही है। साल 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च टेस्ट में किरमानी ने छह शिकार किए। आपको बता दें किरमानी ने यह रिकाॅर्ड अपने दूसरे टेस्ट में ही बना दिया। 42 साल पुराने किरमानी के इस रिकाॅर्ड को कोई तोड़ तो नहीं पाया मगर इसके बराबर जरूर पहुंचे। धोनी, साहा और पंत के नाम भी टेस्ट की एक पारी में छह डिसमिसल करने का रिकाॅर्ड है।
नाइटवाॅचमैन बनकर जड़ा शतक
सैयद किरमानी की खासियत उनकी विकेटकीपिंग थी। यही वजह है कि बैटिंग के दौरान उन्हें निचले क्रम पर भेजा जाता था। साल 1979 की बात है ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया फंसी नजर आ रही थी। भारत के शुरुआती तीन विकेट जल्दी गिर गए। दिन का खेल खत्म होने वाला था और भारत की तरफ से यशपाल शर्मा, कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ बैटिंग करने आने वाले थे मगर किरमानी को नाइटवाॅचमैन के रूप में भेजा गया। उस दिन किरमानी ने किसी तरह अपना विकेट बचा लिया। मगर अगले दिन किरमानी ने 206 गेंद खेलकर शतक ठोंक दिया। यह उनके करियर का पहला टेस्ट शतक था। इसी के साथ वह नाइटवाॅचमैन बनकर सेंचुरी जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। भारत यह मैच पारी और 100 रन से जीत गया था।
किरमानी के नाम एक टेस्ट विकेट भी
इस विकेटकीपर के नाम इंटरनेशनल मैचों में एक विकेट भी दर्ज है। किरमानी ने यह विकेट पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में लिया था। 1983 में पाक टीम टेस्ट सीरीज खेलने भारत आई थी। सीरीज का तीसरा मैच नागपुर में खेला गया जोकि ड्राॅ रहा था। मगर चौथी पारी में किरमानी ने भारत की तरफ से दो ओवर फेंके। ऑफ स्पिनर किरमानी ने तब पाक ओपनर बल्लेबाज अजीम हफीज को बोल्ड किया था।
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