सिडनी कैफे में लोगों को बंधक बनाने वाला बंदूकधारी को ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने मार गिराया है. सिडनी के चॉकलेट कैफे में बैठे 40 लोगों को बंधक बनाने शख्स का नाम शेख मन हारून मोनिस था. गौरतलब है कि हमलावर ने कैफे के अंदर से चिरपरिचित काला झंडा दिखाया था जिस पर अरबी में संदेश लिखा था. उल्लेखनीय है कि खुद को इस्लाम का प्रचारक बताने वाले मोनिस पर यौन शोषण तथा हत्या का आरोप भी था.
ईरान का रहने वाला था हमलावर
चॉकलेट कैफे को बंदूक के दम पर बंधक बनाने वाले 50 वर्षीय शख्स मोसिन ईरान का रहने वाला था और 1996 से ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था. इसके बाद साल 2007 में वह सिडनी रहने आया था. सिडनी में रहकर मोसिन इराक में मारे गए आस्ट्रेलियाई फौजियों के परिवारों को कोसने और उनके खिलाफ लामबंदी का कार्य करने में जुटा था. उल्लेखनीय है इराक युद्ध में आस्ट्रेलिया सरकार बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है.
पिछले साल मिली थी सजा
मोनिस को पिछले साल 2013 में 300 घंटे की सामाजिक सेवा करने की सजा सुनाई गई थी. इन सबके बावजूद वह खुद को अमन का पैगाम फैलाने वाला कहता था. अपने दोस्त अमीरा द्रौडिस को उसी की पूर्व पत्नी की हत्या में मदद करने के आरोप में मोनिस को दोषी पाया गया था. अप्रैल 2013 में नोलीन हेसन पाल को उसके पति अमीरा ने मोनिस की मदद से कत्ल करके शव को जला दिया था. इसी साल अप्रैल में मोनिस जमानत पर जेल से बाहर आया था, लेकिन यौन शोषण के कई आरोपों के चलते उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने मोनिस को वर्ष 2000 और 2002 के दौरान कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोप में भी गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि वह काला जादू, न्यूमरोलॉजी और मेडिटेशन के नाम पर महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ करता था. 40 से ज्यादा महिलओं ने उसके खिलाफ इस संबंध का प्रकरण दर्ज कराया था. गौरतलब है कि फेसबुक पर मोसिन खासा चर्चित था और 14000 से भी ज्यादा लोग उसे फॉलो करते हैं.
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