नई दिल्ली (एएनआई)। Sabarimala Temple सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और इस मामले से जुड़े अन्य सवालों के जवाब में दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की पीठ सुनवाई करेगी। चीफ जस्टि एसए बोबडे ने गुरुवार को कहा था कि अदालत इस मामले की जांच करेगी और धार्मिक विश्वास और महिला अधिकारों के मुद्दे पर ज्यूडीशिल रिव्यू का स्कोप देखेगी। इससे पहले चीफ जस्टिस ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश व मुस्लिम तथा पारसी महिलाओं से भेदभाव वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 10 दिन की अवधि तय की थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को कहा था कि वह केवल सबरीमाला मंदिर मामले में पिछले साल नवंबर में पारित समीक्षा आदेश में संदर्भित प्रश्नों को ही सुनेंगे, जिसने सभी आयु वर्ग की महिलाओं और लड़कियों को केरल सबरीमाला मंदिर में जाने की अनुमति दी थी।
महिलाओं का प्रवेश केवल सबरीमाला मंदिर तक ही सीमित नहीं
सु्रपीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि पूजा स्थलों में महिलाओं का प्रवेश केवल सबरीमाला मंदिर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मुस्लिम और पारसी महिलाओं को धार्मिक प्रथा में प्रवेश करने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। अदालत अपने सितंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया था।
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना लैंगिक भेदभाव
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशीय संविधान खंडपीठ ने अपने 4-1 बहुमत के फैसले में कहा था कि केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना एक लैंगिक भेदभाव है और यह हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस फैसले के बाद पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। वहीं तमाम लोगों ने इस मामले में कई याचिकाएं दायर कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समीक्षा करने की मांग की।
अय्यापा का मंदिर केरल के सबसे प्रसिद्ध और खास मंदिरों में एक
बता दें कि सबरीमाला श्री भगवान अय्यापा का मंदिर है और यह केरल के सबसे प्रसिद्ध और खास मंदिरों में से एक है। यह केरल के पठानमथिट्टा जिले के सबरीमाला नामक एक पहाड़ी पर स्थित है। सबरीमाला मंदिर प्रबंधन व स्थानीय नागरिकों द्वारा देवता को शाश्वत ब्रह्मचर्य माना जाता है। इसलिए यहां पर 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश वर्जित है। लोगों का मानना है कि इस उम्र की महिलाओं के प्रवेश से उनके देवता नाराज हो जाएंगे।
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