एमआरपी से ज्यादा बेच सकते
फेडरेशन ऑफ होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों प्रोडक्ट्स को तय कीमत पर बेचने का मामला चल रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में होटल और रेस्टोरेंट्स के लिए कहा है कि वे बोतलबंद पानी जैसी पैकेज्ड चीजों को उनकी एमआरपी से ज्यादा बेच सकते हैं।
किस प्लास्टिक की बोतल कितनी सुरक्षित
इन्हें तय कीमत यानी कि प्रोडक्ट पर लिखी एमआरपी के मुताबिक बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब पानी की प्लास्टिक बोतल पर लिखी एमआरपी देखे या न देंखे लेकिन इन कोड से जरूर देख लें कि जिस बोतल में पी रहें हैं वो किस प्लास्टिक की बनी है।
1 नंबर कोड वाली बोतल सिर्फ एक बार
पानी की कुछ बोतल पर 1 नंबर के साथ पीईटी यानि पॉलीथीन टेरिफ्थेलैट लिखा होता है। इस नंबर से साफ है कि यह प्लास्टिक साफ सुथरी है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर पानी की बोतल में होता है। इस प्लास्टिक की बोतल सिर्फ एक बार उपयोग के लिए सुरक्षित है।
2 नंबर कोड वाली दो बार ही इस्तेमाल करें
वहीं कुछ पानी की बोतल पर 2 नबंर के साथ एचडीपीई यानि कि यह हाई डेनसिटी पॉलीइथाइलीन है। यह मोटा और धुंधला प्लास्टिक होता है। इसका इस्तेमाल भी ज्यादातर पानी के लिए होता है। इससे बनी बोतल का इस्तेमाल दो बार किया जा सकता है।
कोड 7 नंबर वाली कम से कम इस्तेमाल करें
7 नंबर प्लास्टिक बोतल प्लास्टिक पॉलीकार्बोनेट या बिसफिनोल ए से बनी होती है। इसका इस्तेमाल जितना कम करें उतना ही बेहतर है। एक हानिकारक सिंथेटिक एस्ट्रोजन शामिल है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर पांच गैलन वाली पानी की बोतलों में होता है। इसका रिसाइकिलिंग खतरनाक है।
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