लखनऊ (एएनआई)। सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य अब्दुल रज्जाक खान के अनुसार बोर्ड ने मंगलवार को फैसला किया कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगा।
समीक्षा याचिका
मीडिया से बात करते हुए, सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य ने कहा, 'हमारी बैठक में अधिकांश का मत यह है कि अयोध्या मामले में समीक्षा याचिका दायर नहीं की जानी चाहिए।' उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से दी जाने वाली जमीन के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई। जब जमीन की पेशकश की जाएगी, तब इसके बारे में बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी।'
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इस महीने की शुरुआत में, तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि 2.7 एकड़ में फैली पूरी विवादित जमीन को सरकार द्वारा गठित एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा, जो उस स्थल पर राम मंदिर निर्माण की निगरानी करेगा। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच परामर्श के बाद एक मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन आवंटित की जानी चाहिए।
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