लखनऊ (पीटीआई)। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में मुख्य वादकारियों में से एक उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारूकी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इसे चुनौती देने की कोई योजना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते
फारूकी ने पीटीआई से कहा, 'हम मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। बोर्ड के पास इसे चुनौती देने की कोई योजना नहीं है।' उन्होंने कहा कि अभी फैसले का अच्छी तरह से अध्ययन किया जा रहा है जिसके बाद बोर्ड एक विस्तृत बयान जारी करेगा। फारूकी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई वकील या कोई अन्य व्यक्ति कहता है कि निर्णय को बोर्ड द्वारा चुनौती दी जाएगी तो इसे सही नहीं माना जाना चाहिए।
अयोध्या के फैसले में बहुत विरोधाभास
फैसले के तुरंत बाद अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने दिल्ली में कहा था कि अयोध्या के फैसले में बहुत विरोधाभास है। हम रिव्यू पर विचार करेंगे क्योंकि हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि बाद में फोन पर पीटीआई से बात करते हुए जिलानी ने स्पष्ट किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा आयोजित की गई थी और उन्होंने इसके सचिव के रूप में प्रतिक्रिया व्यक्त की थी न कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील के रूप में।Ayodhya Case Verdict 2019: निर्मोही अखाड़ा ने जताई खुशी कहा, दावा खारिज होने का अफसोस नहीं
विवादित भूमि पर दावा वापस लेने का प्रस्ताव
बोर्ड ने पिछले महीने राष्ट्रीय हित में कुछ शर्तों के साथ विवादित भूमि पर दावा वापस लेने का प्रस्ताव दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक सर्वसम्मत फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया और केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ का भूखंड आवंटित करने का निर्देश दिया।
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