रविवार की शाम को हुए इस हमले में कम से कम 42 लोग घायल भी हुए हैं.

हाल के महीनों में इराक में आत्मघाती हमलों और हिंसा में वृद्धि देखने को मिली है.

विश्लेषकों का कहना है कि इस साल इराक में हिंसक घटनाओं में अब तक कम से कम छह हजार लोग मारे जा चुके हैं.

भेदभाव

पुलिस का कहना है कि विस्फोटकों से लदी एक कार को इस कैफे के पास लाकर उड़ा दिया गया. अभी तक किसी ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार जिस कैफे और उसके पास जूस की दुकान को निशाना बनाया वो युवाओं में काफ़ी लोकप्रिय हैं.

इससे पहले रविवार को ही पश्चिमी अंबार प्रांत में पांच आत्मघाती हमलावरों ने सरकारी इमारत पर हमला किया जिसमें दो पुलिसकर्मी और तीन अधिकारी मारे गए.

एक अन्य घटना में पुलिस के अनुसार बग़दाद के उत्तर में स्थित शहर समारा में हुए आत्मघाती हमले में छह हो मारे गए हैं.

इराक में चरमपंथी अकसर कैफ़े, बाज़ारों, मस्जिदों और भीड़भाड़ वाले अन्य लोगों को निशाना बनाते हैं.

संवाददाताओं का कहना है कि शियाओं के नेतृत्व वाली इराकी सरकार देश की अल्पसंख्यक सुन्नी आबादी की तकलीफ़ों को दूर नहीं कर पाई है और इसे हिंसा में वृद्धि की एक वजह माना जाता है.

बहुत से सुन्नियों की शिकायत है कि उन्हें सरकारी नौकरियां और बड़े पद नहीं दिए जाते हैं और वो सुरक्षा बलों पर अपने उत्पीड़न का आरोप भी लगाते हैं.

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