features@inext.co.in
KANPUR: पानी की सबसे ज्यादा वेस्टेज वॉशरूम में होती है। ब्रश करते समय लोगों का टैब खोले रखना, कपड़े धोने में एकस्ट्रा पानी बहाना और इन सबसे ज्यादा फ्लश में एक ही बार में करीब डेढ़ लीटर पानी का बह जाना। अब वॉश बेसिन में टैब को बंद करना तो आपके हाथ में है, लेकिन फ्लश में यूज होने वाले पानी को न वेस्ट करना आपके हाथ में नहीं होगा। अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो मुंबई की ग्लोबल सफाई और स्वच्छता कंपनी डाइवर्सी की ओर से शुरू किया गया ये स्टार्टअप 'फ्लश मी नॉट' तैयार है आपकी हेल्प के लिए, जिसे शुरू किया है हिमांशु जैन ने।
सफर के दौरान आया यह आइडिया
हिमांशु जैन बताते हैं कि 2013 में उन्होंने अपने आसपास पानी की किल्लत को बेहद करीब से देखा। ये वो वक्त था जब ट्रैवेल करते वक्त
ट्रेन के रेस्टरूम में पानी खत्म होने की वजह से उन्हें और उनके साथ यात्रा कर रहे सभी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने देखा कि ऐसी दिक्कत से बड़े तो जूझते ही हैं, बच्चों को भी पेट पकड़कर बैठना पड़ता है। उस वक्त उन्होंने इस बात का अहसास किया कि लोग लाख कोशिश कर लें लेकिन फ्लश जैसी चीज में ना चाहते हुए भी कितना पानी वेस्ट कर देते हैं। तभी उन्होंने कुछ ऐसा नया करने के बारे में सोचा कि फ्लश में पानी भी ज्यादा वेस्ट न हो और लोगों का काम भी हो जाए।
बैड स्मेल को भी करता है कंट्रोल
जैसा कि नाम से क्लियर है कि 'फ्लश मी नॉट' का यूज आपके वॉशरूम के फ्लश में किया जाता है। असल में ये पानी रहित यूरिनल सिस्टम के तौर पर काम करता है। यह न केवल शौचालयों में पानी के इस्तेमाल में कमी कर रहा है बल्कि बैड स्मेल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।
बैक्टीरिया से जंग
फ्लश में मौजूद सभी बैक्टीरिया, सोडियम, यूरिया और दूसरी चीजें यूरिनल स्क्रीन में जमा हो जाती हैं। वहीं ओडोर एलिमेटर आपके वॉश रूम से दुर्गंध को खत्म करके, फ्लश से यूरिनल धब्बों को भी हटाता है और पूरे रेस्ट रूम में चारों तरफ खुशबू ही खुशबू बिखेर देता है। एक फ्लश- मी-नॉट पैकेज की कीमत 6,000 रुपये है।
ऐसे करता है काम
हिमांशु बताते हैं कि प्रोडक्ट के एक पैकेज में रिसाइकल पॉलिमर से बने 12 यूरिनल स्क्रीन व बैड स्मेल खत्म करने के लिए 4 लीटर गाढ़ा
पदार्थ होता है। इंस्टॉल करने से पहले यूरिनल को एसिड व टॉयलेट सैनेटाइजर से साफ करते हैं। यूरिनल ड्रेन पर स्क्रीन रखते समय इसकी वॉटर सप्लाई बंद कर देते हैं। फिर ओडोर एलिमिनेटर को सतह पर छिड़ककर 30 दिनों तक छोड़ देते हैं। अब ये वॉशरूम में काम करना शुरू कर देगा।
Success Story: फूड प्रोडक्ट्स की क्वालिटी पर होगी ऑनलाइन ऐप 'स्पेक्टर' की नजर
Success Story: मेन्यू में किसी डिश का अजीब नाम सिर घुमा देता है, तो 'फीडोस' करेगा मदद
यहां-यहां हो रहा है यूज
इसका इस्तेमाल मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर के आसपास के सार्वजनिक शौचालयों में पहले से ही हो रहा है। फास्ट फूड चेन मैक डॉनल्ड्स के कई सारे रेस्टोरेंट्स और दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की कई ब्रांचेज में इस सुविधा का प्रयोग किया जा रहा है और यह लगातार ग्रो कर रहा है।
Business News inextlive from Business News Desk