कानपुर (फीचर डेस्क)। बंगलुरु के राहुल 11 साल के थे, जब उन्होंने एक एक्सीडेंट के दौरान अपनी आंखों की रोशनी खो दी। तब से लेकर 2019 की शुरुआत तक वह घर से बाहर निकलने के लिए किसी न किसी की हेल्प का इंतजार करते, लेकिन अब राहुल बहुत खुश हैं, क्योंकि उनके पैरों को मिल गया है, उन्हें हर कदम पर डायरेक्शन दिखाने वाला एक फ्रेंड लीचल। असल में लीचल एक तरह का ऐप और फुटवियर डिवाइस है, जो ब्लूटूथ की हेल्प से यूजर को मैप के जरिए डेस्टिनेशन तक पहुंचाने में हेल्प करता है। ये डिवाइस आपके फुटवियर में फिट होकर वाइब्रेशन के साथ आपके पैरों को रास्ते के ट्विस्ट्स एंड टर्न्स पर अलर्ट करता रहेगा।

इनका है ये इनोवेशन

हैप्टिक फुटवियर डिवाइस जैसा ये इनोवेटिव इनोवेशन कोच्ची के अनिरुद्ध शर्मा की दिमाग की उपज है। इस शूज को बनाने के पीछे उनका टेक्निकल दिमाग है, जो कई जगहों से टुकड़ों-टुकडो़ं में जानकारी इकट्ठा करके इसको बनाने में कामयाब हुआ है। इस डिवाइस को बनाने का आइडिया जैसे ही अनिरुद्ध के दिमाग में क्लियर हुआ, उन्होंने अपने इस इन्वेंशन में अपने एक कलीग क्रिस्पियन लॉरेंस को जोड़ा और दोनों ने मिलकर कर डाला ये जबरदस्त कमाल। फिर क्या था, फाइनली दोनों ने मिलकर 2012 में ड्यूसेर नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड कराई और इसी के अंतर्गत इस डिवाइस के साथ अपना नया स्टार्टअप शुरू किया।

ऐसे आया आइडिया

अनिरुद्ध बताते हैं कि 2007 में जब वह अंडर ग्रेजुएट थे, तब उन्होंने जापान का एक वीडियो देखा। उस वीडियो में एक इंजीनियर टच बेस्ड स्क्रीन पर उंगलियां घुमाकर उसकी हैंडलिंग शो कर रहा था। उन्हें देखकर उनको टच स्क्रिन जैसी टेक्नोलॉजी के बारे में मालूम पड़ा। उसके बाद वह अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के लिए मेसाच्युसेट यूनिवर्सिटी पहुंचे और यहीं उनकी मुलाकात क्रिस्पियन से हुई। इस दौरान उन्होंने देखा कि कई ऐसे लोग हैं, जो देख नहीं सकते, इसलिए उनकी लाइफ एक लिमिटेड प्लेस में बंधकर रह जाती है। तभी उनके दिमाग में आइडिया आया इस फुटवियर डिवाइस को बनाने का।

आइडिया पर ऐसे किया काम

शूज में डिवाइस को फिट करके उसपर ब्लूटूथ से मैप को कनेक्ट कर वाइब्रेशन से पैरों को डायरेक्शन का अहसास कराने वाले आइडिया को पॉजिटिव लुक देने के लिए अनिरुद्ध ने अपने दोस्त क्रिस्पियन को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा। शुरुआत में ये आइडिया सिर्फ नेत्रहीन लोगों के लिए नहीं था, लेकिन इसके तैयार होने के बाद कई नेत्रहीन लोग इसको पहनकर काफी खुश हुए कि उनको घर से बाहर निकलने के लिए एक सच्चा साथी मिल गया और इसी के साथ अनिरुद्ध को इस बात का अहसास हुआ कि अब उनका स्टार्टअप ऐसे लोगों की हेल्प करके असल मायने में सक्सेसफुल हो गया है।

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धीरे-धीरे बढ ̧ने लगी डिमांड

अपने स्टार्टअप और प्रोडक्ट को लेकर अनिरुद्ध शर्मा कहते हैं कि फिलहाल नॉर्थ यूएसए और इंडिया में बेंगलुरु समेत साउथ के कई शहरों से इस शूज डिवाइस की बड़ी तादाद में ऑनलाइन डिमांड आई है। वह कोशिश करेंगे कि इस डिमांड को उतनी ही तेजी के साथ पूरा करें। ऐसे में खुद उनकी भी ये कोशिश है कि ये शूज हर उस जरूरतमंद के पास पहुंचे, जिन्हें असल मायने में इसकी जरूरत है और उनकी लाइफ को नॉर्मल बनाने में उनकी हेल्प करे।

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