कानपुर (फीचर डेस्क)। क्लोदिंग और इंटीरियर के केस में आए दिन ट्रेंड्स बदलते रहते हैं। इसी बदलते ट्रेंड के बीच में हैदराबाद की तोरल सिंह ने स्टड एंड स्टोन्स नाम के एक अनोखे पत्थर और क्रिस्टल वेंचर की शुरुआत की। इस वेंचर के तहत तोरल ने कैसे क्लोदिंग और इंटीरियर ट्रेंड को दी नई पहचान, जानते हैं यहां।
ऐसे आया आइडिया
तोरल बताती हैं कि फैशन डिजायनिंग का कोर्स करने के दौरान उन्होंने फैशन की दुनिया में कुछ डिफरेंट करने का मन बनाया। इस बीच
उनके हाथ आए स्टड एंड स्टोन्स जैसे पत्थर। अब तोरल के सामने अगला बड़ा चैलेंज आया इन स्टोन्स को कपड़े पर इस्तेमाल करने का। इसके लिए उन्होंने मदद ली अपने कॉलेज फ्रेंड विवेक मलिक की। दोनों ने मिलकर पहले हाथों से ही कपड़ों पर इन स्पेशल स्टोन्स
को जड़ने का काम शुरू किया और फिर धीरे-धीरे इसके लिए अपनी कंपनी के तहत खड़ी की पूरी टीम। इस काम के तहत उनके पास पहला ऑर्डर आया विवेक के पड़ोसी का, जो शादी के लिए एक क्रिस्टल जड़ी पोशाक चाहते थे। यहीं से धीरे- धीरे उनके इस बिजनेस ने उड़ान भरनी शुरू की। तोरल बताती हैं कि अब उनके पास आने वाले ऑर्डर्स को पूरा करने के लिए पूरी एक टीम है। इसके बावजूद एक साड़ी, सूट या जैकेट पर एक ऑर्डर को पूरा करने में दो से तीन दिन का समय लग ही जाता है।
ऐसे होता है 'स्टड एंड स्टोन्स' का वर्क
स्टड एंड स्टोन्स जैसे अनोखे पत्थरों से शो-पीस को सजाते-सजाते तोरल को आइडिया आया, क्यों न इन खूबसूरत वर्क से कपड़ों को
सजाया जाए। इस आइडिया के साथ उन्होंने शुरू की अपनी कंपनी स्टड एंड स्टोन्स नाम के साथ। स्पेशल ऑर्डर पर यहां स्टड्स और
स्टोन्स जैसे पत्थरों से जड़ी ड्रेसेस तैयार की जाती हैं। इसके अलावा क्रिस्टल पेंटिंग जैसे प्रोडक्ट्स भी बनाए जाते हैं, जो अलग-अलग जगहों जैसे- कॉर्पोरेट ऑफिसेस और अस्पतालों की दीवारों को भी सजा रहे हैं। तोरल कहती हैं कि कैनवास पर आर्ट और क्रिस्टल को मिलाने वाली ये दस्तकारी पेंटिंग्स अल्टीमेट हैं, जिन्हें सिंगल स्ट्रोक में पूरा किया जाता है।
फेस किए ऐसे चैलेंजेस
तोरल और विवेक कहते हैं, शुरुआत में उनके काम में लागत ज्यादा और रिटर्न कम ही था लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी कोशिशों को जारी रखा। तभी उन्हें एक डेनिम ब्रांड के साथ स्वारोवस्की पत्थरों को यूज करने के लिए पहला बड़ा ऑर्डर मिला। इस ऑर्डर में उन्हें कुछ मुनाफा हुआ और वो समझ गए कि किसी ब्रांड के साथ जुड ̧कर लागत को कम किया जा सकता है और मुनाफे को बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद इन्हें और भी कई बड़े ब्रांड्स से ऑर्डर्स मिलने लगे और इनके स्टड एंड स्टोन्स वर्क ने लोगों के मन में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी।
विदेशों से मिले ऑडर्स
धीरे-धीरे तोरल और विवेक को अपने देश के साथ विदेशों से भी ऑडर्स मिलने लगे। कुछ ऑडर्स उन्हें चीन और कोरिया से भी मिले। इन ऑडर्स के बाद स्टड एंड स्टोंस ने अपनी टीम का और ज्यादा विस्तार किया और नए डिजाइन बनाने के लिए अलग- अलग सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करने लगे, जिससे इनका काम और भी कम समय और कम लागत के साथ पूरा होने लगा. इस समय स्टड और स्टोन्स के ज्यादातर कस्टमर इंटरनेशनल व डॉमेस्टिक फैशन ब्रांड्स और फैशन डिजाइनर्स हैं। अब इनके प्रोडक्ट्स में डिजायनर वियर्स के अलावा राइन- स्टोन और राइन-स्टड वाले कपड़े, जूते, बैग, क्रॉकरी जैसे सामान और क्रिस्टल पेंटिंग भी शामिल हैं।
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