कानपुर (फीचर डेस्क)। दुनिया के साथ कदम मिलाने वाले ये लोग, अब उनके कंधों से कंधा भी मिला पाएंगे और ऐसा पॉसिबल होगा मद्रास आईआईटी की प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन और उनकी टीम की मेहनत से। इनकी बनाई व्हीलचेयर 'अराइज' ने न सिर्फ उनको खड़ा होने के काबिल बनाया, बल्कि प्रॉपर बैलेंस के साथ उन्हें कदमों को आगे भी बढ़ा दिया।
फेस करने पड़े चैलेंजेस भी
प्रोफेसर सुजाता बताती हैं कि टीम के साथ मिलकर इस व्हीलचेयर को बनाने के बाद इसे मार्केट में उतारने के लिए उन्होंने फीनिक्स मेडिकल सिस्टम नाम की कंपनी की हेल्प से इसे लॉन्च किया और इसको नाम दिया 'अराइज' का। इसी साल इस व्हील चेयर को मार्केट में लॉन्च करते ही लोगों के बीच इसकी पॉपुलैरिटी दिखाई देने लगी, लेकिन इसी के साथ सामने खड़े हो गए कई चैलेंजेस भी, जिन्हें फेस किए बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता था।
ऐसे आया आइडिया
प्रोफेसर श्रीनिवासन कहती हैं कि अक्सर डिसएबल्ड लोगों को देखकर वह सोचती थीं कि एक ही जगह पर बैठे रहना किसी के लिए भी कितना मुश्किल भरा काम हो सकता है। इन लोगों के लिए कुछ ऐसा करने की चाहत, जो उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करने लायक बना दे, उनके मन में बहुत पहले से थी। फिर आईआईटी में उनकी टीम की ओर से उन्हें मिले एक प्रपोजल में उन्हें अपना सपना पूरा करने का एक आइडिया मिला और तीन साल की मेहनत के बाद फाइनली उन्होंने बना डाली वो स्टैंडिंग व्हील चेयर, जिसने डिसएब्ल्ड लोगों के लिए पूरी तरह से पैरों का काम किया।
सामने आए कई चैलेंजेस
सुजाता कहती हैं कि स्टैंडिंग व्हीलचेयर को बनाने के बाद बहुत खुशी हुई थी कि इन डिसएबल्ड लोगों के लिए वह कुछ कर पाएंगी, लेकिन जैसे ही इसको मार्केट में लॉन्च किया, तो इसकी देखा-देखी कई कॉम्पटीटर्स खड़े हो गए। साथ ही इसको यूज करने से पहले सेफ्टी जैसे सवाल इसकी मार्केट ग्रोथ के आड़े आने लगे, लेकिन इसको भी उन्होंने अपनी प्लानिंग के प्लस प्वाइंट के तौर पर ही लिया और इस व्हील चेयर के स्टैंडिंग पोजीशन की सेफ्टी पर काम किया। फाइनली इन्होंने इसको पहले से और भी ज्यादा सेफ बनाकर जब मार्केट में प्रेजेंट किया, तो लोगों ने इसकी खासियतों को हाथों-हाथ लिया।
ऐसे बनाया इसे और भी ज्यादा सेफ
फीनिक्स मेडिकल सिस्टम के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार बताते हैं कि प्रोफेसर सुजाता के साथ मिलकर उन्होंने 'अराइज' के सेफ्टी सिस्टम पर काम किया और उसको पहले से भी ज्यादा सेफ बना दिया। शशि उसके एक सेफ्टी फीचर को डिस्क्राइब करते हुए बताते हैं कि इसमें इंटरलॉकिंग मैकेनिज्म दिया गया है, जो इस बात को एंश्योर करता है कि अगर घुटने का ब्लॉक सही पोजीशन में नहीं है, उस वक्त भी व्हील चेयर बॉडी को लॉकिंग पोजीशन में खड़ा रखने में कामयाब होगी।
फ्यूचर प्लान
प्रोफेसर सुजाता आगे बताती हैं कि यह अपने देश में पहली खुद की बनाई हुई व्हील चेयर है। इससे पहले बाहर से मंगाने की वजह से इंडिया में नॉर्मल व्हील चेयर्स की कॉस्ट डेढ ̧ लाख के आसपास आती थी, लेकिन इस स्टैंडिंग व्हील चेयर की कीमत 15 हजार रुपए है। फिलहाल इसे अभी साउथ की कुछ सिटीज में ही लॉन्च किया गया है, जहां इसे लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है, लेकिन अब कंपनी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की हेल्प से इसे और कम कीमत पर जरूरतमंदों तक पहुंचाना चाहती है।
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