टीम से बड़कर कुछ नहीं
हर क्रिकेटर के लिए अपनी टीम के लिए खेलने से बड़कर कुछ नहीं होता. यही वजह है कि टीम इंडिया के युवा क्रिकेटर और किंग्स इलेवन पंजाब के ताबड़तोड़ बल्लेबाज रिद्धीमान साहा आईपीएल में खेली गई अपनी शतकीय पारी को उतना एहम नहीं मानते जितना वो टीम इंडिया के लिए खेली गई 35 रनों की पारी को मानते हैं. रिद्धिमान साहा ने ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में टेस्ट मैच के दौरान खेली गई 35 रनों की अपनी पारी को इस शतक से भी अहम माना है.
विराट की शानदार बल्लेबाजी
साहा ने कहा, 'हालांकि प्रारूप बिल्कुल अलग हैं, लेकिन मैं एडिलेड टेस्ट में अपनी 35 रनों की पारी और छठे विकेट के लिए विराट कोहली के साथ शतकीय साझेदारी को अपने दिल के सबसे करीब मानता हूं. मैं आइपीएल फाइनल में अपने शतक पर गर्व महसूस करता हूं लेकिन वो (एडिलेड टेस्ट) एक टेस्ट मैच था. विराट शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और मैंने उनके पहले टेस्ट शतक में पिच पर उनकी सहायता की.
स्विंग से असहज महसूस नहीं हुआ
साहा ने कहा कि उस दौरान रयान हैरिस, बेन हिल्फेनहॉस और पीटर सिडल जैसे शानदार ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जलवा बिखेर रहे थे. मैंने 94 गेंदें खेलीं और वो मेरे करियर का दूसरा टेस्ट मैच था. जब तक मैं आउट हुआ, मुझे कभी भी उस पेस और स्विंग से असहज महसूस नहीं हुआ, जिस वजह से मेरा मनोबल बढ़ा कि मैं शीर्ष स्तर पर खेल सकता हूं. ये आइपीएल शतक और बेहतर हो सकता था (अगर जीतते) लेकिन इस बात को मानना होगा कि केकेआर ने संगठित होकर अच्छी बल्लेबाजी की. हम कभी उनको उस रन रेट से बाहर कर ही नहीं सके.'
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