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LUCKNOW: वार्ता में राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए उच्चस्तरीय समिति गठन का निर्णय लिया गया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक की अध्यक्षता में गठित समिति अब कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए राज्य सरकार को अपने सुझाव देगी। समिति में अध्यक्ष पीएफआरडीए की सहमति के उपरांत उनके प्रतिनिधि, अपर मुख्य सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव न्याय को सदस्य, निदेशक पेंशन को सदस्य सचिव, डाॅक्टर दिनेश चंद्र शर्मा व हरिकिशोर तिवारी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
सुबह छह बजे बुलाया
मुख्य सचिव डाॅक्टर अनूप चंद्र पांडे ने इसका आदेश जारी कर दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह छह बजे कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए अपने सरकारी आवास पर बुलाया था। आनन-फानन में अफसरों ने कर्मचारी नेताओं को इसका संदेश भेजा जिसके बाद मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात कराई गयी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखेगी और उनके साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने समस्याओं के निराकरण के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए।
सेवानिवृत्ति के लाभ
तत्पश्चात मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी- पुरानी पेंशन बहाली मंच के द्वारा शासन के संज्ञान में लाया गया है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाईयों तथा इसके अंतर्गत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले लाभ स्पष्ट नहीं हैं और इस प्रणाली के लागू होने के अनेक वर्ष बाद भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। कर्मचारी संगठनों द्वारा यह भी मांग की गयी है कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को एक अप्रैल 2005 से पूर्व की भांति सुनिश्चित पेंशन एवं सेवानिवृत्ति के लाभ मिलने चाहिए। ऐसी ही मांग अन्य संगठनों द्वारा भी की गयी है जिसके निराकरण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाती है जो अपनी संस्तुतियां दो माह में राज्य सरकार को देगी। वहीं देर शाम कर्मचारी नेताओं ने भी मीडिया को हड़ताल वापस लेने की जानकारी दी।
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