दिल्ली में इकट्ठा हुए कैंडीडेट ने हल्ला बोल कर विरोध-प्रर्दशन किया
नई दिल्ली (आईएएनएस)। हाल ही में बीती फरवरी में कर्मचारी चयन आयोग के पेपर में संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) का प्रश्न-पत्र लीक होने की बात सामने आई थी। ऐसे में एसएससी कैंडीटेड इस मामले की जांच को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते ही कल हजारों की संख्या में लुटियंस दिल्ली में इकट्ठा हुए कैंडीडेट ने हल्ला बोल कर विरोध-प्रर्दशन किया। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से कराने के साथ ही कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मंत्री जितेंद्र सिंह के इस्तीफे की मांग भी कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उनके मार्च को रोकने के लिए बलपूर्वक जनपथ रोड से अभ्यर्थियों को खदेड़ा। अभ्यर्थियों को उग्र होता देख सुरक्षा के लिए अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बल ने मोर्चा संभाला।
अभ्यर्थी राजनेताओं को इस मामले में ज्यादा बोलने का मौका नहीं दे रहे
इसके बाद पुलिस ने कुछ एसएससी अभ्यर्थियों को हिरासत में भी लिया। ऐसे में एससीसी उम्मीदवारों का कहना है कि उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जब कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री उनकी वास्तविक मांगों को नहीं सुन सकते हैं तो उनका इस्तीफा दे देना ही ठीक है। सरकार कैंडीटेड का कहना है कि वे अपन पहले से तय युवा हल्ला बोल कार्यक्रम के लिए एकत्रित हुए थे। इस दौरान लोग संसद भवन की तरफ शांतिपूर्वक बढ़ रहे थे तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था। इस दौरान कई कैंडीडेट को काफी चोंटे भी आई हैं। वहीं एसएससी कैंडीडेंट के समर्थन में कई युवा नेता भी समर्थन कर रहे हैं। हालांकि अभ्यर्थी इन हस्तियों को इस मामले में ज्यादा बोलने का मौका नहीं दे रहे हैं।
सु्प्रीम कोर्ट से एसएससी घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करेंगे
एसएससी कैंडीटेड पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहते हैं। वे इसे किसी पार्टी का मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर स्वराज इंडिया दिल्ली के प्रमुख अनुपम का कहना है कि वह शुरू से छात्रों के साथ शामिल है। सरकार स्टूडेंट की मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। कैंडीडेट्स शांतिपूर्वक अपनी मांगों को अभी रख रहे है लेकिन पुलिस राजनीतिक दबाव में इनकी मांगों को दबा रही है। उनको रोकने का प्रयास रही है। वहीं इस संबंध प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे लोग चुप नहीं बैठेंगे। पिछले एक साल से इस परीक्षा में धांधली के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में वे लोग अब इसके लिए सु्प्रीम कोर्ट जाएंगे और एसएससी घोटाले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग करेंगे।
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