रेस्क्यू टीम बचाव के लिये जुटी
आपदा प्रबंधन केंद्र के प्रवक्ता प्रदीप कोडिप्पिली ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के दौरान अब तक 10 शव बरामद किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस गांव में कम से कम 150 परिवार रहते हैं. अब भी लगभग 500 पुरुष, महिलाएं और बच्चे फंसे हुए हैं. आपदा प्रबंधन मंत्री महिंद्रा अमरवीरा ने कहा कि भूस्खलन के कारण तीन किमी से भी अधिक भूमि प्रभावित हुई है. उनके मुताबिक, गांव में पहले ही भूस्खलन की चेतावनी दी गई थी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई थी लेकिन बहुत से गांववालों ने बात नहीं मानी.
लोगों के अंदर दहशत
भूस्खलन की तबाही का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसमें बचकर निकले सभी लोग अभी भी डरे हुये हैं. भूस्खलन से बच निकलने वाली एक महिला ने बताया, 'मैं मलबे के नीचे दबी थी. कुछ लोगों ने मुझे खींचकर बाहर निकाल लिया लेकिन मेरी मां और चाची की मौत हो गई.' हादसे में सुरक्षित बचे एक ग्रामीण ने बताया कि हमें पूरे इलाके में धुआं उड़ता दिखाई दिया. कुछ लोग चीखकर दूर भागने के लिए कह रहे थे इसलिए हम भाग निकले. खबरों के अनुसार पुलिस, सेना और राज्य संचालित आपदा प्रबंध केंद्र (डीएमसी) बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हैं. एयरफोर्स के प्रवक्ता गिहान सेनेविरत्ने ने बताया कि बेल 212 हेलिकॉप्टरों को बचाव कार्य में लगाया गया है.
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