कोलंबो (एएनआई)। श्रीलंका के हाईवे मिनिस्टर जॉन्सटन फर्नांडो ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे। कोलंबो गजट के मुताबिक फर्नांडो ने कहा कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद इस्तीफा नहीं दे सकते। इसके साथ ही सरकार ने राष्ट्रपति के आपातकाल लागू करने और बाद में इसे रद्द करने के फैसले का बचाव भी किया। कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति ने कार्यालय और पब्लिक प्रॉपर्टी पर हमला करने के बाद आपातकाल घोषित किया था।
मित्र देशों से सहायता लेने पर मजबूर श्रीलंका
राष्ट्रपति ने 5 अप्रैल मंगलवार को एक अधिसूचना जारी कर इमरजेंसी की घोषणा को रद्द कर दिया था, क्योंकि द्वीप देशभर में हो रहे विरोध और आर्थिक संकट से लगातार जूझ रहा है। इस समय आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। देश में दवा की कमी के कारण आज फिर से श्रीलंका में इमरजेंसी हेल्थ सिचुएशन घोषित कर दी गई है। श्रीलंका भोजन और ईंधन की कमी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहा है जिससे लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। COVID-19 की शुरुआत के बाद से काफी इकॉनामी में काफी गिरावट आई है। श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना कर रहा है, जिसने उनकी आयात करने की कैप्सिटी पर भी असर डाला है। देश में बिजली कटौती और जरुरत की चीजों की कमी ने श्रीलंका को मित्र देशों से सहायता लेने के लिए मजबूर कर दिया है। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के 26 कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

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