कीनियमा (रॉयटर्स)। श्रीलंका में हिंसक झड़प के बाद सोमवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मस्जिद और मुस्लिम समुदाय के व्यापार पर हमला करने वाली भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। देशभर में अभी भी कर्फ्यू लागू है हिंसा पर काबू पाने के लिए सैनिक अपने हथियारबंद वाहन के साथ पेट्रोलिंग कर रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 42 वर्षीय एक व्यक्ति को अस्पताल में घायल अवस्था में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। उस व्यक्ति पर चाकू से हमला किया गया था। पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले इलाके के एक निवासी ने मृतक की पहचान मोहम्मद आमिर मोहम्मद सैली के रूप में की है। श्रीलंका में मुस्लिम बहुसंख्यक इलाके के निवासियों ने कहा कि भीड़ ने दूसरे दिन भी मस्जिदों पर हमला किया और मुसलमानों की दुकानों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाया।
घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं लोग
कोट्टम्पतिया इलाके के एक निवासी ने रॉयटर्स को टेलीफोन पर पहचान न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'यहां सैकड़ों उपद्रवी मौजूद हैं, पुलिस और सेना कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने हमारी मस्जिदों को तोड़ दिया है और मुसलमानों के कई दुकानों को जला दिया है। जब हम अपने घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, तो पुलिस हमें अंदर रहने के लिए कह रही है।' सरकारी प्रवक्ता रूवान गुणसेकेरा ने कहा कि पुलिस ने सोमवार को रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक देशभर में कर्फ्यू लगाया। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने एक बयान में कहा कि तोड़फोड़ के कारण सुरक्षा बल किसी भी जांच को अंजाम देने में असमर्थ हैं और चेतावनी दी है कि 'यदि नस्लवाद बढ़ता है... और शांति भंग होती है तो देश अलग थलग हो जाएगा। हिंसा फैलाने वाले लोगों का देश के प्रति इरादा नेक नहीं है।' विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा बलों को शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की शक्तियां दे दी हैं। सरकार ने बढ़ते विवाद को देखते हुए कुछ समय के लिए फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क को ब्लॉक कर दिया है।
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श्रीलंका में एक समुदाय के प्रति भड़की हिंसा, सरकार ने कुछ समय तक सोशल मीडिया को किया बैन
फेसबुक से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट लिखने के बाद देशभर में हिंसा शुरू हो गया। एक व्यक्ति ने ऑनलाइन कमेंट में लिखा था, 'एक दिन तुमलोगों को रोना है।' लोगों ने इस कमेंट को धमकी के रूप में ले लिया और शहर में हिंसा शुरू हो गया। उल्लेखनीय है कि ईस्टर के दिन चर्च और होटलों में हुए आत्मघाती धमाकों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इसी के बाद वहां मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी। लेकिन श्रीलंका सरकार का कहना है कि इन धमाकों को स्थानीय आतंकी संगठन नेशनल तौहीद जमात ने अंजाम दिया था। इन धमाकों के बाद हुई तलाशी में मस्जिदों से भारी मात्रा में तलवार और अन्य हथियार बरामद किए गए थे।
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