यह स्थिति उस समय पैदा हुई जब कंप्यूटर के साफ़्टवेयर ने ग़लती से सोचा कि इस विमान की अन्य विमानों से भिड़ंत होने वाली है.
कंप्यूटर सिस्टम काफ़ी उलझा हुआ था क्योंकि वह प्रभावित हुए विमान के लिए कोई नया रास्ता तलाश रहा था.
जासूसी विमान से अफरा-तफरी
"एफ़एए ने इस मसले को एक घंटे के भीतर सुलझा लिया, इसके बाद तुरंत सारे सिस्टम को समायोजित किया गया ताकि उड़ान भरने वाले हर विमान के विशिष्ट ऊंचाई की जानकारी मिल सके."
- लेन लुंसफ़ोर्ड, एफ़एए की प्रवक्ता
जिस समय कंप्यूटर सिस्टम रिस्टार्ट हो रहा था, उस दौरान पूरे क्षेत्र में छोटे हवाई अड्डों पर दर्ज़नों उड़ाने लेट हो गईं.
एफ़एए की प्रवक्ता लेन लुंसफ़ोर्ड ने कहा, "30 अप्रैल 2014 को एक एफ़एए एअर ट्रैफ़िक सिस्टम को ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले एक विमान की सूचना खंगालते समय दिक्कतों का सामना करना पड़ा, यह यू-दो वायुयान जो विजुअल फ़्लाइट रूल्स के मुताबिक़ काफ़ी ऊंचाई पर उड़ते हैं."
उन्होंने जानकारी दी कि उस समय कंप्यूटर सिस्टम ने 'ग़लत अर्थ लगाया' कि यू-दो विमान काफ़ी नीचे उड़ान भर रहा है और यह निश्चित करने में उलझ गया कि इसका रास्ता एअर ट्रफ़िक में उड़ान भर रहे अन्य विमानों से न टकराए.
उन्होंने बताया, "एफ़एए ने इस मसले को एक घंटे के भीतर ही सुलझा लिया, इसके बाद तुरंत सारे सिस्टम को समायोजित किया गया ताकि उड़ान भरने वाले हर विमान के विशिष्ट ऊंचाई की जानकारी मिल सके."
एजेंसी ने कहा कि इसनें कंप्यूटर सिस्टम में और ज़्यादा फ़्लाइट-प्रासेसिंग मेमोरी जोड़ी गई है.
सोमवार को पेंटागन ने साफ़ किया कि एअर फ़ोर्स के एक यू-दो जासूसी विमान का इस क्षेत्र में प्रशिक्षण अभियान का संचालन किया जा रहा था, उऩकी तरफ़ से यह भी कहा गया कि "उड़ान से संबंधित सारी कागज़ी कार्यवाही" सौंपी जा चुकी है.
इस यू-दो विमान का इस्तेमाल शीत युद्ध के दौरान टोही मिशन पर किया गया था और इस विमान को अगले कुछ सालों में हटाने की योजना है.
International News inextlive from World News Desk