हर हाल में डबल्स में जीतना था इंडिया को
पहले दिन दोनों सिंगल्स मुकाबले गंवाने के बाद भारत को अपनी उम्मीदों को बनाए रखने के लिए डबल्स में हर हाल में जीत दर्ज करानी थी. पेस-बोपन्ना ने उम्मीदों को टूटने नहीं दिया और दो सेट से पिछड़ने के बाद आश्चर्यजनक रूप से वापसी करते हुए नेनाद जिमोनजिक और इलिजा बोजोल्जिक की जोड़ी को 1-6, 6-7, 6-3, 6-3, 8-6 से हराया.

लंबे समय बाद साथ खेले पेस और बोपन्ना
भारतीय टेनिस इतिहास के सबसे कामयाब खिलाड़ी पेस और बोपन्ना लंबे समय से साथ नहीं खेले थे और उनके सामने जिमोनजिक और बोजोल्जिक की वह जोड़ी थी, जिसने डबल्स धुरंधर बॉब और माइक ब्रायन को 2013 डेविस कप में हराया था. ऐसे में उनके प्रदर्शन को लेकर थोड़ा संशय बना हुआ था, लेकिन पेस ने डेविस कप में एक बार फिर करिश्माई प्रदर्शन किया और भारत को जीत दिलाई.

बेहतरीन प्रदर्शन रहा पेस और बोपन्ना का
भारत पहले दो सेट गंवाने के बाद तीसरे सेट में ब्रेक पर था और लग रहा था कि 2010 का चैंपियन आसानी से इसे जीतकर मुकाबला अपने नाम कर लेगा, लेकिन तीसरे सेट के छठे गेम से नाटकीय तरीके से चीजें भारत के पक्ष में चली गईं. इसके तुरंत बाद जिमोनजिक को पीठ दर्द के कारण टाइम आउट लेना पड़ा. बोपन्ना ने अपनी शानदार सर्विस से दबाव बनाने की शुरुआत की, जबकि पेस ने अपनी चपलता से सभी को प्रभावित किया. उनका अनुमान बेहद सटीक था और हर बार स्टेडियम में मौजूद 5000 दर्शकों ने उनके लिए जमकर तालियां बजाईं. बोपन्ना शुरू में सर्विस से जूझ रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस पर नियंत्रण बनाया जिससे भारत वापसी करने में सफल रहा.

दिला दी याद चेन्नई में ब्राजील के खिलाफ खेले प्ले ऑफ मुकाबले की
पेस-बोपन्ना की इस जीत ने चार साल पहले चेन्नई में ब्राजील के खिलाफ खेले गए प्ले ऑफ मुकाबले की याद दिला दी, जहां पहले दिन अपने दोनों सिंगल्स मैच गंवाने के बाद डबल्स में पेस और महेश भूपति ने यादगार प्रदर्शन कर टीम की वापसी कराई और अंतिम दिन भारत ने रिवर्स मैच जीतकर 3-2 से मुकाबला अपने नाम किया. यहां भी शुक्रवार को भारत के युकी भांबरी को डुसान लाजोविक से और दूसरा सिंगल्स में सोमदेव देववर्मन को फिलिप क्राजिनोविक से हार झेलनी पड़ी थी.

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