नई दिल्ली (पीटीआई)। देशवासियों को भीषण गर्मी से जल्द राहत मिलने वाली है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। सोमवार को मौसम विभाग ने कहा, इस बार का मानसून केरल तक आ गया है। इसी के साथ अगले चार महीने बारिश होने वाली है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, "दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने केरल पर शुरुआत की है।" देश में जून से सितंबर तक के चार महीने के मानसून सीजन में 75 फीसदी बारिश होती है। 30 मई को निजी फोरकास्टर स्काईमेट वेदर ने मानसून के आगमन की घोषणा की थी, लेकिन आईएमडी की अलग राय थी।
बारिश में कई बीमारियों का खतरा
मानसून अब केरल में पहुंच गया है, ऐसे में बारिश के मौसम में पनपने वाली बीमारियां घातक न बन जाए। इसके लिए केरल सरकार ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं। राज्य सरकार मानसून से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए अपनी मशीनरी तैयार कर रहा है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर बीमारियों से सबंबधित आंकड़े उपलब्ध कराए। 30 मई को राज्य में कम से कम 2,660 बुखार के मामले सामने आए। यही नहीं अकेले मई के महीने में कुल 65,039 बुखार के मामले देखे गए।
बुखार के मामलों में वृद्धि होगी
राज्य सरकार को अनुमान है, मानसूस के मौसम में बुखार के मामलों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'हमेशा की तरह, मानसून के मौसम के दौरान बुखार के मामलों में वृद्धि की संभावना है। इसके साथ ही, डेंगू के मामले बुखार, चिकनगुनिया, और लेप्टोस्पायरोसिस रोग के बढ़ने की संभावना है। राज्य सरकार को नए सिरे से योजना बनानी होगी। निदेशालय ने कहा 30 मई को डेंगू के 12 पुष्ट मामले थे। जबकि पूरे महीने में 296 लोग इसका शिकार हुए।
कोरोना का भी संकट
मई के महीने में, राज्य में चिकनगुनिया के कम से कम सात मामलों की पुष्टि हुई। ऐसा ही हाल था लेप्टोस्पायरोसिस का जिसके 83 मामले सामने आए। चूंकि इस समय कोरोना का भी कहर है। ऐसे में राज्य सरकार ने कोरोना बुखार और अन्य बुखार को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया। संशोधित बुखार प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में, केरल प्रमुख मंत्री पिनारयी विजयन ने पहले सूचित किया था कि उन बुखार की शिकायत वाले अस्पतालों को अलग किया जाएगा।
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