देश में हाल में हुई नौका दुर्घटना में क़रीब 300 लोगों के मारे जाने के बाद यह क़दम उठाया जा रहा है.
राष्ट्रपति ने टेलीविज़न पर देश को संबोधित करते हुए औपचारिक रूप से इस हादसे के लिए जनता से माफी मांगी.
उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों के लिए एक नई एजेंसी का गठन किया जाएगा जबकि जाँच का काम पुलिस के ज़िम्मे रहेगा.
गत 16 अप्रैल को सेवोल नाम की एक नौका के पलटने से 281 यात्री मारे गए थे जिनमें से अधिकतर स्कूली बच्चे थे. नौका में सवार 23 यात्री अब भी लापता हैं.
ज़िम्मेदारी
राष्ट्रपति पार्क ने कहा, "इस मामले में जो ढिलाई बरती गई उसकी ज़िम्मेदारी मेरी बनती है."
उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा. अगर उनसे तुरंत राहत कार्य शुरू किया होता तो कई जानें बच सकती थीं.
राष्ट्रपति ने कहा कि अपने मौजूदा स्वरूप में तटरक्षक बल ऐसी बड़ी दुर्घटना की स्थिति से निपटने में सक्षम नहीं है.
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक़ पार्क ने कहा, "तटरक्षक बल का ढांचा बड़ा है लेकिन उसके पास सामुद्रिक सुरक्षा के लिए कर्मचारियों और बजट की कमी है. साथ ही बचाव के लिए प्रशिक्षण भी नाकाफ़ी है."
राष्ट्रपति कार्यालय ने एजेंसियों को बताया कि उनकी योजना को पहले संसद से मंजूरी दिलानी होगी जहाँ उनकी पार्टी सैनूरी बहुमत में है.
हादसा
पार्क ने तटरक्षक बल को भंग किए जाने सहित कई उपायों की घोषणा की.
अंतरिम जाँच के मुताबिक़ नौका में क्षमता से तीन गुना ज़्यादा लोग सवार थे और तेज़ी से मोड़ लेने के चक्कर में नौका पलटी थी.
नौका के कप्तान और चालक दल के तीन सदस्यों पर जनसंहार का मुक़दमा चलाया जाएगा. अभियोजकों ने चालक दल के 11 अन्य सदस्यों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
इस दुर्घटना में चालक दल के 29 में से 22 सदस्यों समेत 172 यात्री ही बच पाए थे.
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