1. दक्षिण अफ्रीका को मिला चोकर्स नाम
दक्षिण अफ्रीका को विश्व कप की सबसे बदनसीब टीम कहा जा सकता है. 1992 में पहली बार विश्व कप खेला तो सेमीफाइनल में विवादास्पद नियम की वजह से टारगेट 13 गेंद में 22 रन से 1 गेंद में 22 रन हो गया. उस हार में कोई गलती नहीं थी उनकी..1996 के विश्व कप में सभी लीग मैच जीतने के बाद क्वार्टर फाइनल में पहुंची दक्षिण अफ्रीका वेस्टइंडीज से हार गई. दक्षिण अफ्रीकियों को चोकर्स का नाम मिला 1999 विश्व कप के सेमीफाइनल के बाद जब जीता हुआ मैच टाई करा दिया प्रोटिएस ने और सुपर 6 में जीत के आधार पर ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच गई. 2003 में तो और भी बुरा हुआ जब नॉक आउट स्टेज में दक्षिण अफ्रीकी टीम डकवर्थ लुइस नियम के अनुसार टारगेट गलत कैलकुलेट कर गई और अनजाने में हार गई. 2007 के विश्व के सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीकी टीम को ऑस्ट्रेलिया ने फिर हराया. ये माना जाने लगा कि लीग मैच में शानदार खेलने वाली ये टीम नॉक आउट स्टेज में चोक कर जाती है. चोकर्स के तमगे के साथ न्यूजीलैंड के खिलाफ 2011 विश्व कप का क्वार्टरफाइनल खेलने उतरी टीम छोटा लक्ष्य भी प्राप्त नहीं कर सकी. लगभग हर विश्व कप की लीग स्टेज में चैम्पियन जैसा खेलने वाली दक्षिण अफ्रीका अचानक नॉक आउट स्टेज का दबाव झेल नहीं पाती और हार कर बाहर हो जाती है. इसी वजह से दक्षिण अफ्रीकी कहे जाते हैं चोकर्स. ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि क्या इस विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका अपने ऊपर से चोकर्स की पनौती हटा पाती है या नहीं.
2. भारत से कभी नहीं जीत पाता पाक
सिडनी से शुरु हुआ पाक का दु:स्वप्न: विश्व कप में जब भी पाकिस्तान भारत के सामने पड़ता है वो हार जाता है. इसकी शुरुआत हुई 1992 विश्व कप से. उस विश्वकप में पाकिस्तान चैम्पियन बना था और भारत लीग स्टेज से आगे भी नहीं बढ़ पाया था. लेकिन जब भारत-पाक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर आमने सामने हुए तो सिर्फ 216 रन बनाने के बावजूद भारत ने 43 रन से पाकिस्तान को बुरी तरह हरा दिया.
बंगलुरु में भी छाया भूत: 1996 के विश्व कप क्वार्टर फाइनल में भारत और पाकिस्तान एक बार फिर आमने सामने हुए. इस बार पाकिस्तान सिर्फ 39 रन से हारा ही नहीं तनाव और झगड़े के माहौल में अपमानित भी हुआ. ये वही मैच जिसमें अजय जडेजा ने वकार यूनुस की गेंदों पर लंबे छक्के लगाए थे और एक ओवर में 22 रन ठोक डाले थे. इसी मैच में वेंकटेश प्रसाद ने आमिर सोहेल की अभद्रता का जवाब अगली गेंद पर पाकिस्तानी बल्लेबाज को बोल्ड करके दिया था.
मैनचेस्टर में हार की हैट्रिक: 1999 के विश्व कप में भारत ने सिर्फ 227 रन बनाने के बावजूद पाकिस्तान को 47 रन से हरा दिया. एक बार फिर हीरो बने वेंकटेश प्रसाद जिन्होंने पांच पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा.
सेंचुरियन में और बढ़ गया दर्द: दक्षिण अफ्रीका में भारत पाक मुकाबला प्रतिष्ठा का प्रश्न था. उसके खिलाडिय़ों ने बयान दिए थे कि इस बार ये पनौती खत्म कर देंगे. पर जो हुआ वो पिछली तीन हारों से ज्यादा तकलीफ दे गया पाक को. 273 रन का विशाल स्कोर बनाने के बाद भी पाकिस्तान 6 विकेट से 26 गेंद बाकी रहते हार गया. मैच में सचिन ने पहले ओवर में ही शोएब अख्तर की ऐसी धुनाई की कि रावलपिंडी एक्सप्रेस डिरेल हो गई. इसी ओवर में सचिन ने शोएब की गेंद पर प्वाइंट बाउंड्री पर यादगार छक्का मारा था.
मोहाली में लगातार पांचवी हार: 2007 में वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप में भारत और पाकिस्तान का सामना नहीं हुआ. 2011 में दोनों टीमें मोहाली में विश्व कप के सेमीफाइनल में आमने सामने हुईं. भारत ने पाकिस्तान को विश्व कप में लगातार पांचवी बार हरा दिया. भारत 29 रन से जीता और सचिन तेंदुलकर एक बार फिर पाकिस्तान पर भारी पड़े. सचिन ने 85 रन बनाए थे.
अबकी क्या होगा रामा रे: विश्व कप में भारत के हाथों लगातार पांच बार हार के बाद पाकिस्तान एक बार फिर छटपटा रहा है दुस्वप्न को तोडऩे के लिए. विश्व कप में मिली हर हार ने पाकिस्तान की पनौती को और ज्यादा मजबूत किया है. एक बार फिर 15 फरवरी को एडिलेड ओवल में भारत और पाकिस्तान आमने सामने होंगे. एक बार फिर पाकिस्तानी खिलाडिय़ों के सिर पर मंडराएगी पनौती.
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