नई दिल्ली (पीटीआई)। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि भारत और इंग्लैंड के बीच प्रस्तावित 'अगले साल होने वाले टेस्ट' को सीरीज का निर्णायक पांचवां मैच माना जाना चाहिए जो पिछले हफ्ते भारतीय खेमे में कोविड-19 के प्रकोप के कारण रद्द कर दिया गया था। गांगुली ने इसे सीरीज से अलग इकलौता टेस्ट मानने की संभावना से इनकार किया। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने आईसीसी को पत्र लिखकर ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में खेले जाने वाले रद्द किए गए मैच के भाग्य पर विवाद समाधान समिति (डीआरसी) के फैसले की मांग की है। हालांकि आईसीसी ने अभी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सीरीज पूरी करना चाहता है भारत
गांगुली ने एक इंटरव्यू में कहा, "हम चाहते हैं कि सीरीज पूरी हो जाए क्योंकि 2007 के बाद से इंग्लैंड में यह हमारी पहली टेस्ट सीरीज जीत होगी।"
उन्होंने स्पष्ट किया, "बीसीसीआई का कहना है कि टेस्ट क्रिकेट अंतिम प्रारूप है और हम इसे किसी भी चीज के लिए समझौता नहीं करेंगे।" बता दें इस सीरीज में भारत 2-1 से आगे चल रहा था जब पिछले हफ्ते मैच को रद्द कर दिया गया था जब मेहमान खिलाड़ियों ने मुख्य कोच रवि शास्त्री सहित अपने सहयोगी स्टाफ के बीच कोरोना मामलों के बाद मैदान पर कदम रखने से इनकार कर दिया था।
टेस्ट मैच खेला जाना तय
यह पूछे जाने पर कि क्या बीसीसीआई ने अगले साल जुलाई में टेस्ट के बदले सफेद गेंद की श्रृंखला के लिए टीम के दौरे पर दो अतिरिक्त टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की पेशकश की है, गांगुली ने कहा: "हम अतिरिक्त एकदिवसीय और टी 20 आई खेलने के लिए तैयार हैं और यह कोई मुद्दा नहीं है। बस इतना तय है कि बाद में जो टेस्ट मैच खेला जाएगा वह सीरीज का पांचवां टेस्ट मैच गिना जाएगा।' यदि ICC को लगता है कि COVID-19 के कारण मैच को छोड़ दिया गया था, तो भारत आधिकारिक तौर पर 2-1 से श्रृंखला जीत जाएगा क्योंकि इस तरह से रद हुए मैच को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप नियमों के तहत माना जाता है।
क्यों रद किया गया था मैनचेस्टर टेस्ट
पूर्व भारतीय कप्तान से यह भी पूछा गया क्या कुछ सीनियर खिलाड़ी जो मैदान में उतरने में सहज नहीं थे, उन्हें आराम देकर नई टीम को मैदान पर उतारने के विकल्प पर विचार किया गया। इस पर गांगुली ने नकारात्मक जवाब दिया। दादा ने कहा, "नहीं, यह कोई विकल्प नहीं था। अगर आप योगेश परमार (मैच से ठीक पहले सकारात्मक परीक्षण करने वाले जूनियर फिजियो) को देखें तो वह हर खिलाड़ी का करीबी संपर्क था। तो जाहिर है कि यह चिंता का कारण था। यह कुछ ऐसा था जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं और उनके (खिलाड़ियों के) परिवार उनके साथ यात्रा कर रहे थे।'
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