बहुत पुरानी बात है। एक गांव में एक व्यक्ति रहता था। उसके पास एक खेत था और वह उसमें अनाज उगाता था। किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करता था। गरीबी के कारण वह धीरे-धीरे परेशान रहने लगा। वो अक्सर सोचता था कि जीवन जीना कितना कठिन है। एक समस्या खत्म नहीं होती और दूसरी शुरू हो जाती है। कुछ दिनों बाद उसके गांव में एक साधु आए। वह व्यक्ति उस साधु के पास गया और उनको अपनी सारी परेशानी बताई कि मैं अपनी जिंदगी में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना कर रहा हूं और ये कठिनाइयां कभी खत्म ही नहीं होतीं।
नदी के सूखने का इंतजार?
साधु उसकी बातें सुनकर हंसने लगे। उन्होंने कहा, तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें तुम्हारी परेशानी का हल बता दूंगा। वो साधु उसे एक नदी की तरफ ले गए और बोले कि मैं तुम्हें नदी की दूसरी तरफ जा कर तुम्हारी सारी परेशानी का हल बताऊंगा। यह कहकर साधु नदी के किनारे खड़े हो गए। नदी के किनारे खड़े-खड़े काफी देर हो गई और वो व्यक्ति सोचने लगा कि ये यहां इतनी देर से क्यों खड़े हैं। काफी देर बाद उसके सब्र का बांध टूट गया और उसने पूछ ही लिया, महाराज हमें तो नदी पार करनी है तो हम अभी तक यहां क्यों खड़े हैं। तो इस पर साधु ने जवाब देते हुए कहा, बेटा ये जो नदी का पानी है। मैं उसके सूखने का इंतजार कर रहा हूं। जैसे ही यह पानी सूख जाएगा, हम आराम से नदी पार कर लेंगे।
साधु ने दिया काम का मंत्र
व्यक्ति ने कहा, नदी का पानी थोड़े ही सूखेगा? ये तो ऐसे ही चलता रहेगा। साधु महाराज हंसने लगे और कहने लगे- बेटा, मैं तुम्हें यही तो समझाना चाह रहा हूं कि ये जीवन भी एक नदी की तरह है और ये जो पानी है, वो समस्या की तरह है। जब तुमको पता है कि नदी का पानी नहीं सूखेगा तो तुमको खुद प्रयास करके नदी पार करनी होगी। वैसे ही निजी जीवन में नौकरी में समस्याएं भी चलती रहेंगी। तुम्हें अपने प्रयासों से ही नदी पार करनी होगी। अगर तुम नदी के किनारे बैठे रहोगे और नदी के पानी सूखने का इंतजार करते रहोगे, तो तुम जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ पाओगे।
काम की बात
1. जीवन है तो समस्याएं रहेंगी ही, लेकिन समस्याओं को लेकर दिन भर चिंतामग्न रहने से कुछ हासिल नहीं होगा।
2. समस्याओं के खत्म होने का इन्तजार करना समझदारी नहीं, हमें समस्याओं का समाधान ढूंढ़ना होगा।
हार का डर ही आपको आगे बढ़ने से रोकता है, जानें इससे निपटने का तरीका
गीता के वे 10 उपदेश, जिन्हें अपनाकर जी सकते हैं तनाव मुक्त जीवन
Spiritual News inextlive from Spiritual News Desk