पुणे के न्याती स्टेट में एक प्राइवेट बैंक के एटीएम पर 62 साल के भोसले काफी अर्से से गार्ड ड्यूटी कर रहे हैं। यहीं पास में रहने वाली तन्वी जैन अपने ऑफिस या घर जाते हुए रोज ही उनसे अंजान लोगों की तरह मिलती ही रहती थी। हमेशा मुस्कुराते चेहरे के साथ मिलने वाले भोसले को तन्वी ने एक दिन ATM के बाहर बहुत ही उदास और दुखी देखा तो उसने यूं ही उनसे पूछ लिया। भोसले ने बताया कि आज ATM के बाहर से उनकी साइकिल चोरी हो गई है। भोसले की आमदनी इतनी नहीं थी कि वो दूसरी नई साइकिल खरीद सकें।
उस समय तो तन्वी भोसले की बात सुनकर चली गई, लेकिन इस गार्ड की मदद करने की बात उसके दिमाग में चलती रही। फाइनली तन्वी ने भोसले के लिए साइकिल का अरेंजमेंट करने के लिए फेसबुक पोस्ट की। भोसले की उदास फोटो के साथ उसने न्याती स्टेट के आसपास रहने वाले उन तमाम अंजान लोगो से मदद मांगी और कहा। अगर किसी के पास एक्स्ट्रा या स्पेयर में साइकिल हो तो प्जीज कुछ दिन के लिए भोसले को दे दें। ताकि जब तक नई साइकिल मैनेज न हो तब तब उनका काम चल सके।
तन्वी के इस ऑनलाइन हेल्प इनीशिएटिव पर फेसबुक पर जबरदस्त रिस्पॉंस आया। तन्वी कहती हैं कि उन्हें लगा था कि सिर्फ उनके दोस्त या रिलेटिव्स ही इस पर जवाब देंगे लेकिन भोसले की मदद के लिए तमाम अंजान लोगों ने कमेंट बॉक्स में अपने भर दिए। कुछ लोग तो उनकी साइकिल खरीदने के लिए रुपए भी कंट्रीब्यूट करना चाहते थे। हालांकि इन मैसेजेस में कुछ लोगों ने निगेटिव कमेंट भी किए और कहा भारत में किसी न किसी के साथ यह सब होता ही रहता है। उन्हें भूल जाओ और अपना काम करो। एक जनाब ने तो तन्वी को ऐसा पब्लिसिटी स्टंट करने के लिए भला बुरा भी कहा। खैर तन्वी ने उन्हें भी फेसबुक पर ही कूल जवाब दिया।
खैर तन्वी ने भोसले अंकल के लिए अपना प्रयास जारी रखा और 5 दिन के भीतर उनके लिए नई साइकिल की व्यवस्था कर ही दी। ATM के पास ही मौजूद एक कैफे मालिक शॉन एडवर्ड और तन्वी ने फिफ्टी फिफ्टी अमांउट जोड़कर भोसले के लिए नई साइकिल खरीद कर उन्हें दे दी। भोसले गिफ्ट में मिली साइकिल लेने में काफी झिझक रहे थे लेकिन फिर तन्वी की रिक्वेस्ट पर उन्होंने आंसुओं से भरी आंखो और भरे गले से यह साइकिल एक्सेप्ट कर ली। एक चमत्कार की तरह भोसले की जिंदगी में आई पुणे की तन्वी ने उनके लिए जो किया, वो बयान नहीं कर पा रहे थे। बार बार अपनी नई साइकिल को छूकर भोसले अपने विश्वास को मजूबत कर रहे थे कि वो साइकिल अब उनकी ही थी।
पुणे की तन्वी ने एक अंजान ATM गार्ड भोसले के लिए जो कुछ भी किया। उसे कुछ लोग वेस्टेज ऑफ टाइम एण्ड मनी कह सकते हैं, लेकिन इस पर तन्वी कहती हैं। ये क्षण उनके लिए जिंदगी का यादगार पल था जो मैने किसी और के लिए जिया। तन्वी ने भोसले और उनकी नई साइकिल की तस्वीर फेसबुक पर डालते हुए लिखा कि अगर हम रोज ही कम से कम एक अच्छा काम करें तो वाकई हम दुनिया बदल सकते हैं। क्यों है न सच बात! इस वीडियो में भोसले के चेहरे की खुशी देख आप यह बात अच्छे से समझ जाएंगे।
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