फ्रांस के वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए प्रयोग के ज़रिए ब्लैक मांबा के ज़हर से दर्द निवारक दवा बनाने में सफलता पाई है. इसका मकसद सबसे कारगर दर्द निवारक माने-जाने वाले मॉरफीन की तर्ज पर एक दवा बनाना है.

अफ्रीका में पाए जाने वाला ये और ज़हरीला होता है. इस सांप के ज़हर में मौजूद 'न्यूरोटॉक्सिन' से शिकार को लकवा मार जाता है यहां तक कि अधिक मात्रा में ज़हर शरीर में पहुंच जाए तो शिकार की मौत भी हो सकती है.

हालांकि नेचर पत्रिका में प्रकाशित फ्रांसिसी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक इस ज़हर में दर्द निवारक दवा के तत्व भी मौजूद है. वैज्ञानिक इस बात को लेकर हैरान हैं कि में दर्द निवारक तत्व क्यों मौजूद हैं.

'नो साइड इफैक्ट'

वैज्ञानिकों ने इस प्रयोग के लिए 50 अलग-अलग प्रजातियों से मिले ज़हर का परीक्षण किया और पाया कि ब्लैक मांबा के ज़हर में दर्द निवारक प्रोटीन यानि 'मैमबालगिन्स' मौजूद होते हैं.

इस दर्द निवारक की खास बात ये है कि इसके कोई साइड इफैक्ट भी नहीं. वैज्ञानिकों का मानना है कि दर्द चूहों पर उसी तरह का असर दिखाता है जैसा इंसानों पर. यही वजह है कि इंसानों पर भी इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की उम्मीद है.

'लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन' से जुड़े डॉक्टर निकोलस के मुताबिक सांप के ज़हर से आमतौर पर ज़हर का इलाज किया जाता है लेकिन ये पहली बाहर है कि इससे दर्द निवारक यानि ‘पेनकिलर’ बनाने का प्रयोग किया गया है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि ये प्रयोग चिकित्सा विज्ञान की दिशा में एक नया कदम होगा.

 

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